Diwali 2021 Puja Vidhi, Mantra, Muhurat, Samagri, Mantra: दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन मुख्य तौर पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, महाकाली की पूजा होती है। दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। दिवाली पूजन प्रदोष काल में किया जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। यहां जानिए दिवाली पूजा विधि विस्तार से।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व: दिवाली वाले दिन शाम और रात के समय पूजा का विधान है। पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं और प्रत्येक घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर साफ-सुथरा और प्रकाशवान होता है वहां देवी लक्ष्मी ठहर जाती हैं। इसलिए दिवाली से पहले ही घरों की साफ-सफाई का काम शुरू हो जाता है। जिससे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सके। दिवाली वाले दिन कुबेर देवता की पूजा भी होती है।
लक्ष्मी पूजा की विधि:
-दिवाली पर लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
-घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें।
-पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर वहां देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
-चौकी के पास जल से भरा कलश रख दें।
-माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
-दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें।
-इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें।
-महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें।
-अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।
-प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।
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दिवाली पूजा मंत्र:
मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
पूजा मुहूर्त:
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 06:09 PM से 08:04 PM
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:39 PM से 12:31 AM, नवम्बर 05
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM, नवम्बर 05
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दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाता है। जगमगाते दीपकों के बीच लोग दीपावली के त्योहार की खुशियां मनाते हैं। वैसे तो बाजारों में रंग बिरंगे दीपक और बिजली से जलने वाली लाइट उपलब्ध होती हैं। मगर, मान्यताओं के अनुसार, दीपावली पर घर में मिट्टी से बने दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष दूर होते हैं।
मान्यता है दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से धन-धान्य में बरकत होती है।
दिवाली के दिन जरुरतमंद या गरीबों को कपड़े, धन या मिठाई दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
दिवाली के शुभ दिन पर लक्ष्मी पूजन की तैयारी से पहले स्नान कर लें। ध्यान रहे पूजा से पहले घर अच्छी तरह से साफ रहें। घर को आम के पत्तों, फूल, रंगोली आदि से सजाएं। घर के गेट पर दीया जलाना चाहिए. इससे कहा जाता है कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
1. दिवाली के दिन देर तक न सोएं, जल्दी उठें और पूजा-पाठ करें।
2. दिवाली के दिन नाखून न काटें और न ही शेविंग करें।
3. दिवाली के दिन घर को अव्यवस्थित न रखें, ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
4. लक्ष्मी जी की पूजा अकेले न करें। भगवान विष्णु के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए.
शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर स्थापित करना चाहिए
मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए.
इसके बाद हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान की प्रतिमा पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए.
अब फल, फूल, खील, बताशे, चौकी, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए
लक्ष्मी, गणेश, (3-4) मिट्टी के दो बड़े दीपक, कलश, जिस पर नारियल रखें, वरुण, नवग्रह, षोडशमातृकाएं, बहीखाता, कलम और दवात, नकदी की संदूकची, थालियां, जल का पात्र, यजमान, पुजारी, परिवार के सदस्य, आगंतुक।
श्रीनगर- 06 बजकर 15 मिनट – 08 बजकर 04 मिनट तक
जम्मू- 06 बजकर 12 मिनट – 08 बजकर 06 मिनट तक
लद्दाख- 05 बजकर 58 मिनट – 07 बजकर 51 मिनट तक
लेह- 05 बजकर 58 मिनट – 07 बजकर 51 मिनट तक
दिवाली पर हम यम देवता को दीप दान करते हैं। इसका भावार्थ है, हमारे मन में जो अज्ञान और अंधकार, जो छुपे हुए मनोविकार और कमजोरियां हैं, यह सब यम को दे देना है। इससे हमारी आत्मा का दीपक जगमग हो जाता है। मान्यता ये भी है कि यम के नाम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
पूजा में सफेद रंग के पुष्प का प्रयोग करना चाहिए। हो सके तो कमल का फूल का इस्तेमाल करना चाहिए। कहते हैं कि मां लक्ष्मी को कमल का पुष्प अतिप्रिय है।
'ओम ह्रीं महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ह्रीं ओम,।
मान्यता है कि यदि इस मंत्र का नियमित रूप से 1008 बार जप किया जाए तो कर्ज से मुक्ति प्राप्त होने के साथ ही आपका घर धन-धान्य से भरा रहता है।
दिवाली अमावस्या के दिन पड़ती है। इसलिए इस दिन गंगास्नान अवश्य करें। अगर गंगास्नान संभव न हो तो खुद पर गंगाजल अवश्य छिड़क लें। दिवाली के दिन हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में बासी फूल या फ्रिज में रखें एक दिन पूर्व के फूल चढ़ाने से बचें।
इस दिन लक्ष्मी पूजा के बाद बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए।
दिवाली के दिन किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
दीपावली की दिन जुआ न खेलें।
दिवाली के दिन अपने घर के द्वार पर आने वाले व्यक्ति को खाली हाथ न जाने दें।
मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही मां सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु, और कुबेर देवता की भी पूजा करें। अपने पूरे परिवार के साथ इस पूजा में शामिल हों।
दिवाली के दिन की पूजा से पहले घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। वातावरण की शुद्धता के लिए पूजा से पहले पूरे घर में और विशेष तौर पर पूजा वाली जगह पर गंगाजल अवश्य छिडकें। इसके बाद रंगोली बनाएं।
मेष राशि- गायों को गेंहू और गुड़ खिलाएं।
वृषभ राशि- अपनी मां को उपहार दें।
मिथुन राशि- बंदरों को केले खिलाएं।
कर्क राशि- चांदी का एक टुकड़ा खरीदकर उसे हमेशा अपने पर्स में रखें।
सिंह राशि- अपने माथे पर कुमकुम का तिलक लगायें।
कन्या राशि- लाल कपड़ा मंदिर में दान करें।
तुला राशि- सफ़ेद चन्दन का तिलक अपने माथे पर लगायें।
वृश्चिक राशि- किसी मंदिर में मसूर दाल लाल वाली का दान करें।
धनु राशि- पीले कपड़े पहनें या एक छोटा पीला कपड़ा हमेशा अपनी पॉकेट में रखें।
मकर राशि- ऑफिस में अपने सहकर्मियों और दोस्तों के बीच मिठाईयां वितरित करें।
कुंभ राशि- पिता को कोई उपहार दें।
मीन राशि- काली मंदिर में नारियल का दान करें।
-“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥”
-ॐ गं गणपतये नमः॥”
शुद्धोदक स्नानं :
शुद्ध जल से स्नान निम्न मंत्र बोलते हुए कराएँ-
गंगा च यमुना चैव गोदावरी सरस्वती ।
नर्मदा सिंधु कावेरी स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ॥ॐ भूर्भुवः स्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नमः, शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि ।
(शुद्ध जल से स्नान कराएँ।) अब आचमन हेतु जल दें-
शुद्धोदकस्नानान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।
लक्ष्मी जी की आरती :
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन का महत्व
कार्तिक अमावस्या तिथि पर महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को कहा जाता है। यह समय लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम और श्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए।
दिवाली लक्ष्मी पूजन का महत्व:
दिवाली का त्योहार मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सबसे बड़ा और खास मौका होता है। सभी को दिवाली का इंतजार बेसब्री से रहता है। मान्यता है कि दिवाली की रात को ही माता लक्ष्मी सभी पर सबसे ज्यादा अपनी कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों में कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वर्ग से सीधे धरती पर आती हैं और हर घर में जाती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, प्रकाश और विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा -आराधना व मंत्रों पाठ होता है मां लक्ष्मी वहीं पर निवास करने लगती हैं। जिस कारण से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और धन की कभी भी कमी नहीं होती है।
लक्ष्मी पूजन
धन, संपत्ति अर्थात पैसा वर्तमान में मनुष्य की सबसे बड़ी जरुरत है। पैसे से ही मनुष्य के जीवन की तमाम भौतिक जरुरतें पूरी होती हैं। धन, संपत्ती, समृद्धि का एक नाम लक्ष्मी भी है। लक्ष्मी जो कि भगवान विष्णु की पत्नी हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से ही घर में धन, संपत्ती समृद्धि आती है। जिस घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता वहां दरिद्रता घर कर लेती है। इसलिये मां लक्ष्मी का प्रसन्न होना बहुत जरुरी माना जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिये की जाती है मां लक्ष्मी की पूजा। आइये आपको बताते हैं कि क्या है लक्ष्मी पूजन की विधि और पूजा के के लिये चाहिये कौनसी सामग्री?
दिवाली पूजा सामग्री की सूची
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली. चांदी का सिक्का, चंदन, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते प्रसाद।
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— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 3, 2021
जय श्रीराम ?#DeepotsavInAyodhya pic.twitter.com/jJltC6n5I8
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2021
दिवाली के दिन साबुत धनिया खरीदकर उसे लक्ष्मी जी पास रात भर छोड़ दें। सुबह उस धनिया को मिटटी में बो दें। धनिया अगर हरा भरा निकलता है तो इसके पीछे मान्यता है कि घर में धन संपत्ति की कभी कमी नहीं होगी।
#WATCH | Colourful lights and laser show organised in Ayodhya as part of the Deepotsav celebration on the occasion of #Diwali pic.twitter.com/RodRnBtBXC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2021
LIVE: अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम… #DeepotsavInAyodhya https://t.co/lByXeHxNoq
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 3, 2021
दिवाली के दिन हम माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं ताकि वो प्रसन्न रहें। इस दिन अपने घर की लक्ष्मी बहु-बेटियों को भी खुश रखना चाहिए। घर की महिलाओं को कोई उपहार दें। मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होतीं हैं।