Rakhi Designs Images, Photos, Happy Raksha Bandhan 2018 Rakhi Images, Pics: आज (26 अगस्त, 2018) भारत के अलावा दुनियाभर के कई देशों में रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जा रहा है। भाई-बहन के लिए राखी का त्योहार बेहद खास होता है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षा बंधन मनाने के लिए बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानि राखी बांधती है। भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है और साथ ही गिफ्ट भी देता है।

रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान के बाद लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ ही रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे भी होते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है, दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है और पैसों से न्यौछावर करके उन्हें गरीबों में बाँट दिया जाता है।

पूरे देश में अलग- अलग कई तरीकों से राखी मनाने की परंपरा रही है। पूरे देश के संगीतज्ञ घराना प्रथा के तहत अपने सबसे योग्य शिष्य की कलाई में गंडा या सूत्र बांधते हैं। इस सूत्र के बाद शिष्य को गंडा​बंध शिष्य कहा जाता है। उस शिष्य का सम्मान या अपमान गुरु का व्यक्तिगत अपमान माना जाता है। वहीं गुरु भी शिष्य को अपने पुत्र से अधिक मान्यता देता है। जब शिष्य की शिक्षा पूरी हो जाती है तब गुरु शिष्य से गुरुदक्षिणा लेकर शिष्य का गंडा खोल देता है। वहीं जब शिष्य गुरुकुल को छोड़कर बाहर जाता है ​तो वह गुरु के हाथ में गंडा बांध देता है। ये गंडा इस बात का प्रतीक होता है कि वह गुरु के ​संस्कारों का प्रसार पूरे संसार में करेगा और गुरुकुल की मर्यादा को कहीं भी पराजित नहीं होने देगा। ये भारतीय संगीत परंपरा की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।

इस त्‍योहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियों का भी जिक्र मिलता है। जिनमें से पाताल लोक के राजा बलि को भगवान विष्‍णु की पत्‍नी माता लक्ष्‍मी के द्वारा राखी बांधने की कथा प्रमुख है। पौराणिक मान्यता है कि ब्राह्मण वामन के रूप में आए भगवान विष्णु से राजा ब​लि दो लोक हारकर पाताल लोक चले गए थे । लेकिन जाने से पहले उन्होंने भगवान विष्णु से वर मांगा कि प्रभु, आप हमेशा मेरे नेत्रों के समक्ष रहें। इस वरदान के कारण भगवान विष्णु राजा बलि के साथ उनके द्वारपाल बनकर पाताल लोक चले गए थे।

भगवान विष्णु के पाताल लोक जाने के बाद लक्ष्मी व्यथित हो उठीं। उन्होंने नारद से प्रभु के अदृश्य होने का कारण पूछा। देवर्षि नारद ने माता लक्ष्मी को बताया कि प्रभु पाताल लोक में बलि के पहरेदार बने हुए हैं। इसके बाद माता लक्ष्मी ने पाताल लोक में जाकर राजा बलि को रक्षासूत्र बांधा था। जब राजा बलि ने उनसे कहा, आप मुझसे इस रक्षासूत्र के बदले क्या चाहती हैं देवी? माता लक्ष्मी ने कहा कि मुझे अपना पहरेदार दे दीजिए। ये पुराणों में किसी बहन के द्वारा भाई को रक्षा सूत्र बांधने का पहला प्रमाण प्राप्त होता है।

रक्षाबंधन का एक प्रसंग महाभारत से भी संबंधित बताया जाता है। युधिष्ठर के राजसूय यज्ञ के दौरान भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था। इस वध के दौरान चक्र के तेज से उनकी तर्जनी अंगुली चोटिल हो गई थी। भगवान की इस चोट को देखते ही द्रौपदी ने अपने वस्त्र से फाड़कर उनकी अंगुली पर कपड़ा बांध दिया था। इसे भी राखी का ही रूप मानकर भगवान ने द्रौपदी वस्त्र हरण के समय वस्त्रों का ढेर लगाकर अपनी सखी और बहन द्रौपदी की लाज की रक्षा की थी।

बहन अपने भाई की कलाई पर खूबसूरत राखी बांधती हैं। बाजार में आज कई तरह की राखी उपलब्ध हैं। कई बार बहन अपने भाई के लिए राखी अपने हाथों से बनाती हैं। आप भी अपने भाई के लिए खूबसूरत राखी बनाना चाहती होंगी। आप अपने भाई के लिए बेस्ट राखी डिजाइन कर सकती हैं। कैसे? नीचे उपलब्ध फोटोज के जरिए। ये फोटोज राखी के बेस्ट डिजाइन हैं और आप इन्हें खुद भी डिजाइन कर सकती हैं। देखिए खूबसूरत राखियों की ये तस्वीरें।

Raksha Bandhan Mehndi Designs 2018

रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। (Source: Dreamstime)
हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। (Source: Dreamstime)
रक्षा बंधन मनाने के लिए बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। (Source: Dreamstime)
इस रक्षा सूत्र को राखी कहा जाता है। (Source: Dreamstime)
इस दिन भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है और साथ ही गिफ्ट भी देता है। (Source: Dreamstime)