छठ पर्व पर गीत गाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। चार दिवसीय छठ पूजा के दौरान विभिन्न अवसरों पर छठ के गीत गाए जाते हैं। आमतौर पर छठ के दौरान प्रसाद बनाते समय, खरना के समय, सूर्य को अर्घ्य देने जाते वक्त, अर्घ्य देते समय और सूर्य देव को अर्घ्य देकर लौटते वक्त गीत गाया जाता है। इस बार छठ महापर्व की शुरुआत 31 अक्टूबर से हो चुकी है और इसका समापन 03 नवंबर को सुबह अर्घ्य देने के साथ होगा। लोक आस्था के इस महापर्व को लेकर मैथिली भाषा में भी कई गीत गाए गए हैं। आइए जानते हैं कि छठ पर कौन-कौन से मैथिली गीत लोकप्रिय हैं।
जल्दी-जल्दी उग हो दीनानाथ भेल अर्घ के बेर: यह गीत मैथिली गायिका पूनम मिश्रा द्वारा गाया गया है। इस छठ गीत में उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने की बात कही गई है।
आन दिन उगै छह हो दीनानाथ: इस गीत को मैथिली लोक गायिका पूनम मिश्रा ने गाया है। यह गीत भी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने समय का है।
कांच ही बांस केर गहबर हो दीनानाथ: यह पारंपरिक मैथिली छठ गीत है, जिसे मैथिली गायिका पूनम मिश्रा ने गाया है।
दीनानाथ के आरती दिखाऊ हे सखी: यह मैथिली छठ गीत भगवान सूर्य को समर्पित है। इस छठ गीत में भगवान भास्कर की आरती के बारे में है।
हे छठी मैया: इस मैथिली छठ गीत को पूजा मिश्रा ने गाया है। इसका गीत अक्षय आनंद सन्नी ने तैयार किया है।
छठ पूजा के दिन सूर्योदय का समय 06:33 बजे है। जबकि सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 35 मिनट पर है। 02 नवंबर को षष्ठी तिथि का आरंभ 00:51 बजे है, जबकि इसका समापन 03 नवंबर को 01 बजकर 31 मिनट पर है।
Highlights
आम्रपाली दुबे का छठी मईया वरतिया सफल करिहा (Chhathi Maiya Varatiya Safal Kariha) गाना भी काफी पॉपुलर हो रहा। यह छठ गीत एसआरके म्यूजिक के यूट्यूब चैनल पर एक दिन पहले ही लॉन्च हुआ है। इसके बोल प्यारे लाल यादव और इसका म्यूजिक ओम ओझा ने कंपोज किया है।
सूर्य और छठी मैया का संबंध भाई बहन का है। मूलप्रकृति के छठे अंश से प्रकट होने के कारण इनका नाम षष्ठी पड़ा। षष्ठी ब्रह्मा जी की मानस कन्या मानी जाती हैं। वह कार्तिकेय की पत्नी भी हैं। षष्ठी देवी देवताओं की देवसेना भी कही जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार षष्ठी की पहली पूजा सूर्य ने की थी।
दीनानाथ के आरती दिखाऊ हे सखी: यह मैथिली छठ गीत भगवान सूर्य को समर्पित है। इस छठ गीत में भगवान भास्कर की आरती के बारे में है। छठ पर्व में छठी मैया और सूर्य देव की उपासना की जाती है। परिवार की खुशहाली के लिए छठ पर्व का खास महत्व होता है।