Uttarakhand News: भारत में अनलॉक 1.0 के साथ तमाम तरह की राहते मिलनी शुरू हो गई हैं। अनलॉक 1.0 में केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट भी दे दी है। इसी के तहत अब उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा शुरू करने की तैयारी में जुट गई है। जानकारी के अनुसार, आठ जून के बाद सरकार सीमित संख्या में चारधाम यात्रा को शुरू करेगी। हालांकि शुरुआत में केवल राज्य के लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी। दूसरे दौर में अन्य राज्यों से बात कर बाहरी यात्रियों के लिए भी यात्रा को शुरू किया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए ही यात्रियों की संख्या सीमित रखी गई है। चारधाम यात्रा के पहले चरण में दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं होगी। क्योंकि मन्दिरों में भीड़ होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आपको बता दें कि बद्रीनाथ के कपाट पहले ही 15 मई को खोले जा चुके हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते महज गिनती के ही लोग मंदिर में दिखे। जबकि मंदिर खुलने के बाद हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते थे। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 24 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले जा चुके हैं। जबकि केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खोले गये थे।
चारधाम यात्रा का महत्व: सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का अत्याधिक महत्व माना जाता है। हर साल चारधाम यात्रा केवल गर्मियों के महीनों में होती है और शीतकाल में यहाँ सभी धामों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं। विश्व भर से लाखों श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं। हिंदू धर्म में चारों धामों को बहुत ही पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है | ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इन चार धामों की यात्रा कर लेता है वह जीवन-मृत्यु के बंधन से मुक्त जाता है।
चारों धामों में से एक बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का पवित्र धाम है। यहाँ इन्हें बद्री विशाल भी कहा जाता है। केदारनाथ धाम भगवान शिव की भूमि है और यह पंचकेदारों में से एक है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पवित्र गंगा व यमुना नदी के उदगम स्थल है। भगवान शिव का धाम केदारनाथ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग, भगवान विष्णु का धाम बद्रीनाथ चमोली में और मां गंगा व यमुना का धाम गंगोत्री-यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं।
