साल का पहला चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है। आज बुद्ध पूर्णिमा भी है। चंद्र ग्रहण की घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है। ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण होता ही है साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी होता है। विज्ञान अनुसार ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो विशेष परिस्थितियों में घटती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं अनुसार चंद्र ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं। जानिए चंद्र ग्रहण कब, कहां, कितने बजे और कैसे देगा दिखाई…
चंद्र ग्रहण का दिन और समय: ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगा है। इसकी शुरुआत दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से हो चुकी है और इसकी समाप्ति 7 बजकर 19 मिनट पर। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि 5 घंटे की होगी।
कहां देगा दिखाई? चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ओशिनिया, अलास्का, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। इन जगहों पर पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि भारत में ये चंद्र ग्रहण उपछाया की तरह ही दिखेगा।
क्या सूतक काल लगेगा? इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। जिसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। ज्योतिष अनुसार उसी ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है जिसे खुली आंखों से स्पष्ट रूप से देखा जा सके। उपच्छाया चंद्र ग्रहण के समय चांद सामान्य पूर्णिमा के चांद की तरह ही नजर आता है। यानी पूर्णिमा के चांद और उपच्छाया चंद्र ग्रहण में कोई अंतर समझ नहीं आता। इस ग्रहण को देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है। क्या है Super Blood Moon? जानिए क्या भारत में देगा ये दिखाई
उपच्छाया ग्रहण क्या होता है? उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही बाहर निकल जाता है। उपच्छाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। इस ग्रहण के समय चंद्रमा के रंग और आकार में कोई भी अंतर नहीं आता है। बस चांद पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। खगोलीय विज्ञान के अनुसार वास्तविक ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूरज के बीच पृथ्वी आ जाती है और सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ पाती इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
कैसे देखें चंद्र ग्रहण? चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। अगर आप इसके खूबसूरत नजारे को करीब से देखना चाहते हैं तो आप टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं। ये उपछाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इसे देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) का प्रयोग करना पड़ेगा। आज देखने को मिलेगा चांद का अद्भुत नजारा, भारत में इन जगहों पर लगेगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण को लाइव कहां देख सकते हैं? कई यूट्यूब चैनलों पर चंद्र ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है। timeanddate और CosmoSapiens चैनल पर आप चंद्र ग्रहण को लाइव देख सकते हैं।
Highlights
भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखेगा। लेकिन दुनिया भर के कई देशों में आज पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। देखिए ये खूबसूरत तस्वीर
चांद दोपहर करीब 3 बजकर 15 के आसपास पृथ्वी की छाया में प्रवेश करना शुरू हो जाएगा। जैसे-जैस समय निकलेगा दुनिया के कई हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण शुरू होने में अब कुछ ही देर का समय शेष है। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से हो जाएगी। लेकिन पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा कुछ ही मिनट के लिए देखने को मिलेगा।
पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी परिक्रमा करते हुए आ जाती है और चंद्र को पूरी तरह से अपने पीछे ढक लेती है। इस स्थिति में चंद्र पृथ्वी के पीछे पूरी तरह से लाल या गुलाबी रंग का उभरता हुआ प्रतीत होता है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण और सुपर ब्लड मून (Blood Moon) भी कहा जाता है।
- चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी तरह की नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को सूतक लगने के दौरान किसी भी तरह का भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
पोर्टब्लेयर से ग्रहण को शाम 5.38 बजे से 5.45 बजे तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सर्वाधिक समय होगा। यह पुरी और मालदा से भी शाम 6 बजकर 21 मिनट से देखा जा सकता है, लेकिन यहां नजारा सिर्फ दो मिनट के लिये दिखेगा। चंद्रोदय के ठीक बाद अरुणाचल प्रदेश और असम के सुदूर पूर्वोत्तर हिस्सों में बेहद कम समय के लिये आंशिक चरण नजर आएगा.
चंद्रग्रहण पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। इन जगहों पर पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा सुर्ख लाल रंग को हो जाएगा। इसे ही सुपर ब्लड मून कहा जाता है। यानी चंद्रग्रहण सुपर ब्लड मून की तरह नजर आएगा।
जहां सूर्यास्त 7 बजे के बाद होगा वहां चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा। कोलकाता में चंद्रग्रहण का सूतक समय – शाम 6 बजकर 15 मिनट पर सूर्यास्त होगा इसलिए सूतक मान्य होगा। दिल्ली में चंद्रग्रहण का सूतक समय – शाम 7 बजकर 12 मिनट पर सूर्यास्त होगा इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा। मुंबई में चंद्रग्रहण का सूतक समय – शाम 7 बजकर 10 मिनट पर सूर्यास्त होगा इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा। चेन्नई में चंद्रग्रहण का सूतक समय – शाम 6 बजकर 30 मिनट पर सूर्यास्त होगा इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा।
पूर्ण चंद्रग्रहण को ही सुपर ब्लड मून कहा जाता है। सुपर ब्लड मून में चंद्रमा सुर्ख लाल रंग की तरह दिखाई देता है। भारत में यह सुपर ब्लड मून नहीं देखा जा सकेगा क्यों अधिकांश हिस्से में उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाता है इसलिए इस दौरान चंद्रमा लाल रंग दिखाई देने लगता जिस वजह से इसे सुपर ब्लड मून कहा जाता है।
इस ग्रहण से खासतौर से वृश्चिक राशि के जातक प्रभावित होंगे। क्योंकि चंद्र ग्रहण इसी राशि में लगने जा रहा है। जानिए ग्रहण का किस राशि पर शुभ तो किस पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा...
किसी भी प्रकार के नए कार्य की शुरुआत न करें।
भोजन बनाने और खाने से परहेज करें।
लड़ाई-झड़गे करने से बचें।
धारदार वस्तु का उपयोग न करें।
देवी-देवताओं की प्रतिमा और तुलसी के पौधे का स्पर्श न करें।
सूतक काल के समय सोना भी वर्जित होता है।
वर्ष 2021 का ये दूसरा चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 में कार्तिक माह की पूर्णिमा को घटित होगा, जिसका प्रभाव वृषभ राशि और कृत्तिका नक्षत्र में सबसे ज़्यादा दिखाई देगा। इसकी दृश्यता भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में होगी।
हिंदू पंचांग अनुसार ग्रहण वर्ष विक्रम संम्वत 2078 आनन्द के वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगने जा रहा है। आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। इसलिए इस राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक असर देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति शाम 7 बजकर 19 मिनट पर। उपच्छाया से पहला स्पर्श – 02:18 पी एम प्रच्छाया से पहला स्पर्श – 03:15 पी एम खग्रास प्रारम्भ – 04:43 पी एम परमग्रास चन्द्र ग्रहण – 04:48 पी एम खग्रास समाप्त – 04:54 पी एम प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श – 06:21 पी एम उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श – 07:19 पी एम
भारत में चंद्रोदय के बाद ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात यास के कारण ग्रहण दिखने की संभावना कम है।
वृश्चिक राशि: स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। वाद-विवाद और मतभेद के संकेत है। आर्थिक नुक्सान हो सकता है इसलिए फिजूल के खर्चों को नियंत्रित करना होगा।
26 मई को भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिष अनुसार इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। क्योंकि जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत न हो तो उसका धार्मिक महत्व नहीं होता है। उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दिखाई नहीं देते इसीलिये इस दौरान किसी भी कार्य पर रोक नहीं होती। जो ग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं केवल उन्हीं का विचार किया जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता और न ही इसका सूतक काल मान्य होता है।