Chandra Grahan (Lunar Eclipse) 2021 Date: साल 2021 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे। जिसमें पहला ग्रहण होगा चंद्र ग्रहण। जो 26 मई को बुधवार के दिन लगने जा रहा है। ये ग्रहण भारतीय समायनुसार दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति शाम 07 बजकर 19 मिनट पर होगी। ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसका भारत में असर नहीं रहेगा। यानि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यहां जानिए, भारत समेत दुनिया भर में ग्रहण को लेकर क्या-क्या मान्यताएं हैं…
भारत में धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण राहु-केतु दैत्यों के चंद्रमा पर आक्रमण करने से लगता है। ऐसा माना जाता है कि राहु-केतु दैत्य सूर्य-चंद्र पर आक्रमण करके उन्हें निगलने की कोशिश करते हैं। इस दौरान राहु-केतु के मुंह में जितना भाग सूर्य और चंद्रमा का आ जाता है उतने भाग में ग्रहण दृष्टि गोचर होता है। राहु-केतु की प्रताड़ना से इन देवताओं को बचाने के लिए दान-पुण्य, जप-तप करने की सलाह दी जाती है। भारत में कई लोग आज भी चंद्रग्रहण को अशुभ मानते हैं। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है। इस बर्थ डेट वाले लोग रिस्क लेने से नहीं डरते, ये अपनी बुद्धि के बल पर बन जाते हैं धनवान
अमेरिका में रहने वाले हूपा और लुइसेनो ट्राइब्स यह मानते हैं कि ग्रहण के समय चांद जख्मी और कमजोर हो जाता है। इसलिए उसे उपचार की जरूरत होती है। ये उपचार चांद की पत्नी या आदिवासी लोग करते हैं। इसी मान्यता के अनुसार लुइसेनो आदिवासी काले पड़ चुके चांद को देखते हुए उसके स्वस्थ होने की कामना में गाने गाते हैं। मंगल का मिथुन राशि में प्रवेश, 3 राशियों को बिजनेस और नौकरी में मिलेगी बड़ी सफलता, देखें अपनी राशि
अफ्रीका के टोगो और बेनिन में बाटामालिबा के लोग मानते हैं कि चंद्रग्रहण सूर्य और चांद के बीच झगड़े के कारण लगता है। यहां के लोगों का मानना है कि लोगों को इस झगड़े को खत्म कराने की कोशिश करनी चाहिए। इसी परंपरा के अनुसार वहां के लोग इस दौरान पुराने झगड़ों को भुलाने की कोशिश करते हैं।
अमेरिका में इन्का साम्राज्य के लोगों ग्रहण को अच्छा नहीं समझते थे। उनके अनुसार इस दौरान एक तेंदुआ चाँद पर हमला करता है और उसे निगलने की कोशिश करता है। जिससे चंद्र ग्रहण के दौरान चाँद का रंग लाल हो जाता है। यहां के लोगों का ऐसा भी मानना था कि चाँद के बाद वही तेंदुआ धरती पर आकर लोगों को खाने की कोशिश करता था। इसी वजह से यहां लोग तेंदुए से बचने के लिए अपने भालों को हवा में ऊपर की ओर उठाकर उसे जोर-जोर से हिलाते थे और तेज आवाजें भी निकालते थे। वो लोग अपने कुत्तों को भी पीटते थे ताकि वो तेंदुआ डर कर भाग जाए। धनु से हटकर मीन राशि वालों पर शुरू हो जायेगी शनि साढ़े साती, जानिए डेट
हूपा के लोगों (अमेरिका में) का मानना था कि चाँद की 20 पत्नियां हैं और उसके पास बहुत सारे पालतु जानवर भी हैं। जब चाँद अपने जानवरों को पर्याप्त खाना नहीं दे पाता तो उसके जानवर भूख से व्याकुल होकर उसपर हमला कर देते थे। जिसके कारण उसका खून निकल जाता था और चाँद का रंग लाल हो जाता था। यहां इसे ही चंद्र ग्रहण लगने का कारण बताया जाता था। चंद्र ग्रहण तब समाप्त होता था जब उसकी पत्नी उसे आकर बचाती थी और उसे पहले की तरह ठीक कर देती थी। लोग यहां चंद्र ग्रहण के दौरान चाँद के ठीक होने की प्रार्थना भी करते थे। किसे बनाना चाहिए आपको अपना लाइफ पार्टनर? जानिए क्या कहती हैं जया किशोरी