31 जनवरी को साल 2018 का पहला चंद्र ग्रहण है। इस बार का चंद्र कई माइनो में खास माना जा रहा है। इस बार चांद तीन रंगों में दिखाई देगा। इस बार का चंद्र ग्रहण सुपर ब्लू ब्लड मून होगा। 152 साल बाद सुपर ब्लू मून दिखाई देगा। इसके साथ ही इस दिन 176 साल बाद पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन चांद अन्य दिन की तुलना में ओर बड़ा दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण होने से इस दिन सूतक काल सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर शुरू होकर रात 08 बजकर 41 मिनट पर खत्म हो जाएगा।

चंद्र ग्रहण का समय – भारतीय ज्योर्तिविज्ञान परिषद के मुताबिक,पृथ्वी चंद्र ग्रहण के प्रभाव वाले क्षेत्र में 04 बजकर 22 मिनट में दाखिल होगी। दरअसल, इस दौरान पृथ्वी की एक आंशिक बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ेगी। आंशिक चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा। पूर्ण चंद्रग्रहण शाम 06:22 बजे से लेकर 07:38 बजे तक चलेगा। आंशिक चंद्रगहण 8 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा। चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह रात 9 बजकर 39 मिनट पर बाहर निकलेगा।

31 जनवरी को होने वाली चंद्र ग्रहण की तीन खासियत है। पहली इस बार चांद पृथ्वी के निकटतम दूरी पर मौजूद होगा। दूसरी इस दिन चांद सामान्य से 14 फीसदा ज्यादा चमकीला दिखेगा। तीसरी बात यह कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होगी, ऐसी घटना आमतौर पर ढाई साल बाद होती है। नासा के प्रोग्राम एग्जिक्यूटिव व लूनर ब्लागर गॉर्डन ने बताया कि इस बार चांद जब धरती की छाया में रहेगा तो इसकी आभा रक्तिम हो जाएगी, जिससे चांद लाल रंग का दिखाई देगा।

Chandra Grahan 2018 LIVE: भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण शुरू, यहां देखें पूर्ण चंद्र ग्रहण ऑनलाइन

क्या होता है चंद्र ग्रहण- जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर सूर्य की किरणे नहीं पहुंच पाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो उस समय चंद्र ग्रहण होता है।

ग्रहण के समय क्या करें क्या ना करें?

चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर में जाना या देवी-देवताओं के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान भोजन ग्रहण करने और पकाने से दूर रहना चाहिए। तुलसी आदि को स्पर्श नहीं करना चाहिए। सूतक काल के समय गर्भवती महिला को घर से बाहर निकलना और ग्रहण देखना वर्जित माना जाता है। इस दौरान शरीरिक संबंध बनना भी नुकसानदायक हो सकता है। ग्रहण खत्न हो जाने के बाद पूर घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। सूतक काल के दौरान घर में रखें दूध, दही या अन्य खान पान की चीजों में कुशा या तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए, इससे वह चीजें खराब नहीं होती है।