Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को इतिहास के बुद्धिजीवियों में से एक माना जाता हैं। कहते हैं कि जब तक आचार्य चाणक्य जीवित रहे तब तक उनके दुश्मन भी उनकी सलाह लेकर ही कोई काम करना चाहते थे। इतिहासकारों का मानना हैं कि चाणक्य के मन में छल नहीं था। वह हमेशा सबके हित की बात करते थे। लेकिन साथ ही वह जानते थे कि ऐसा कौन-सा कार्य किया जाए जिससे अपने राज्य का उद्धार हो सके। चाणक्य नीति में कुछ ऐसे नियम भी बताए गए हैं जिन्हें अपनाने से घर में धन-धान्य आने की मान्यता है।

व्यर्थ खर्च ना करें पैसा – आचार्य चाणक्य बताते हैं कि जो लोग अपने घर का पैसा व्यर्थ खर्चों में लगाते हैं उनके घर में धन-धान्य की वृद्धि नहीं होती है। पैसा सिर्फ उतना ही खर्च करना चाहिए जिसकी जरूरत बहुत ज्यादा हो। मान्यता है कि व्यर्थ खर्चों पर बहुत अधिक पैसा लगाने से धन का नाश होता है और देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। साथ ही यह कहा जाता है कि इससे धन संचय करने में भी मदद मिलती है।

धन वृद्धि के लिए बनाएं योजनाएं – चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास धन है तो उसे उस धन को सिर्फ पोटली में बांधकर नहीं रखना चाहिए। बल्कि उस धन का प्रयोग इस तरह करना चाहिए कि उस धन की वजह से और धन खींचकर आ सके यानी उस धन से और धन पैदा हो सके। चाणक्य कहते हैं कि धन में वृद्धि करने के लिए धन का उपयोग करना समझदारी का लक्षण है।

धन के देवता कुबेर की करें उपासना – माना जाता है कि कुबेर धन के देवता हैं। उनकी वजह से ही घर में धन-धान्य और वैभव आता है। इसलिए जो लोग चाहते हैं कि उनके घर में वृद्धि हो उन्हें धन के देवता कुबेर की आराधना करनी चाहिए। ताकि भगवान कुबेर उन से प्रसन्न होकर उन्हें ऐश्वर्य का वरदान दें।

घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बच्चों से भी लें सलाह – आचार्य चाणक्य बताते हैं कि घर की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के बारे में अपने घर के बच्चों से भी सलाह लेनी चाहिए। साथ में उन्हें घर की आर्थिक स्थिति से परिचित भी करवाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से उन्हें यह पता चलता है कि उनके माता-पिता उनके लिए कितना खर्च करने में समर्थ हैं और उन्हें अपने जीवन में कितना खर्च करना चाहिए।