महागुरु गौरव मित्तल– तांत्रिक सिद्धियाँ अद्भुत और आश्चर्य जनक होती है। इन शक्तियों से साधक अत्याधिक शक्तिवान तो बनता है। जो की बाद में अहंकार बन के गलत प्रयोगों से पतन भी करता है। कुछ सिद्धियाँ अत्याधिक खतरनाक है। मैंने आप को आज तक कल्याण कारी शक्तियों के विषय में बताया परन्तु आज जो बताने जा रहा हूँ वो शक्तियाँ विनाश कारी है। जीवन नही म्रत्यु कष्ट देना उनका कार्य है जिसे आप काला जादू या मायावी तंत्र कह सकते है। मेरा ये जानकारी देने का अभिप्राय यह है यदि इन सब की सयोग से किसी के जीवन में कुछ मिलता है, तो उसे समझ कर स्वयं का बचाव करे और कभी इनको करने की भूल से भी कोशिश न करे।
1 – मूठ यह एक ऐसी शक्ति है जिसमे एक अतृप्त आत्मा कार्य करती है। बंगाल , झारखंड, उड़ीसा आदि जगहों पर निशि दाग के नाम से ही जाना जाता है। यह किसी किसी को आसमान में उड़ता हुआ भी दिख सकता है। आग से जलता हुआ खप्पर के रूप में जिस व्यक्ति के नाम से इसे छोड़ा जाता है उसे यह उसका परिचित बन रात मे बुलाता है तीन बार, यदि व्यक्ति बोल जाए तो बीमार पड़ म्रत्यु को प्राप्त हो जाता है। इसलिए याद रहे रात्रि में कोई आवाज दे तो तीन बार में उत्तर न दे, चार बार में ही दे। जिससे यह भेजी अत्रिप्तात्मा का वार निष्फल होगा ।
2 – अस्थि संधि यह तंत्र क्रिया भी गूढ़ है जिसमे दुष्ट लोग किसी कन्या के वैवाहिक जीवन को नष्ट करने को कुंवारे पुरुष आत्मा को उसका पति बना देते है जो की उस लडकी को कष्ट देता और अर्ध्विच्छिप कर विवाहता के घर मनहूसी ले आता है। ऐसी आत्मा लड़की को उसे पति के लिए नफरत भर उसे अपने से जोड़ लेती है। शादी में बधी आत्मा को उलटे फेरो से ही उस लड़की से अलग कर मुक्ति देकर जीवन सुखमय बनाया जा सकता है।
3- मारन कर्म इस क्रिया में व्यक्ति को तांत्रिक द्वारा भेजी शक्ति से उसके शरीर के अंगों को निष्फल कर मारा जा सकता है। इससे बचने का उपाय महाशक्ति कवच, चंडी कवच, शिव कवच, सप्तसती कवच या रोज ॐ नमः शिवाय म्र्त्युन्जय से निष्क्रिय कर सकते है। यदि मारन तीव्र है तो म्रत्यु तुल्य कष्ट होगा पर म्रत्यु नही हो सकती है अगर आप ऊपर लिखित जाप करते है। ऐसे अन्य भी शक्तियाँ और तंत्र है।
आत्माओं की अपनी एक दुनिया है, जो दिमाग को निष्क्रिय कर देती है। कुछ क्षण को देखने के बाद लगेगा ये सत्य था या भ्रम। स्मृति को नष्ट करती है वो काली अत्रिप्प्त आत्माये।अपनी बात को विराम दूंगा। ये वो डरावने और सत्य है संसार के जो छुपे हुए है। सतर्क रहिये सुरक्षित रहिये। जब ऐसे अनुभव हो तो उन्हें नजर अंदाज न करे, स्वयम कमजोर न हो। क्यूंकि भय से आत्मा कमजोर होती है एवं दुष्ट शक्ति हावी। भ्रम न पाले मगर जो सत्य है उसे समझे।
हरि ओम नमः शिवाय।