Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat: सनातन धर्म में भाई दूज पर्व का विशेष महत्व है, जो प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि का यमराज और द्वितीया तिथि से संबंध होने के कारण इसे यमद्वितीय भी कहा जाता है। भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और भगवान से उनकी सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के पैर छूकर उन्हें उपहार देते हैं।
मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाता है और तिलक करवाता है। उसे अनिश्चित मृत्यु का भय नहीं होता है। भाई दूज के दिन यमराज के सचिव चित्रगुप्त की पूजा की मान्यता है। लगभग 5 दशक बाद यानी कि 50 साल बाद भाई दूज पर शुभ संयोग बन रहे हैं, आइए जानते हैं पूजा विधि, महत्व और ज्योतिषीय उपाय-
भाई दूज 2002: तिथि और मुहूर्त (Bhai Dooj 2002: Date and Muhurta)
इस बार भाई दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है, लेकिन द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 02:42 बजे से शुरू हो रही है। इसका समापन 27 अक्टूबर को दोपहर 12:45 बजे होगा। क्योंकि यह तिथि दोनों दिन होने वाली है। इसलिए यह पर्व 26 और 27 दोनों तारीख को मनाया जा सकता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी भी दिन भाई दूज मना सकते हैं। 26 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त दोपहर 02:44 बजे से दोपहर 03:26 बजे तक रहेगा। वहीं 27 अक्टूबर को उदया तिथि के मुताबिक शुभ मुहूर्त 11:07 से 12:46 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज तिलक मुहूर्त (Bhai Dooj Tilak Muhurta)
दोपहर 02:44 बजे से दोपहर 03:26 बजे तक (26 अक्टूबर 2022)
अवधि: 0 घंटे 42 मिनट
भाई दूज 2022: शुभ संयोग ((Bhai Dooj 2002: Shubh Yog)
प्रीति योग: प्रीति योग एक बहुत ही शुभ योग है। इस दिन यह योग शाम 05:41 बजे से शाम 07:16 बजे तक है। इस योग के स्वामी भगवान विष्णु हैं और यह योग आपसी प्रेम को मजबूत करता है। प्रीति योग के दौरान की जाने वाली पूजा से भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता आती है और एक-दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है।
आयुष्मान योग: मान्यता है कि इस योग में किया गया कार्य लंबे समय तक फलदायी रहता है। इस दिन यह योग शाम 07:16 बजे से रात 08:53 बजे तक है। इस अवधि में पूजा करने से भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।
ज्योतिषीय उपाय करेंगे आपके भाई की आर्थिक समस्या का समाधान
भाई दूज के दिन पांच गोमती चक्रों पर केसर और चंदन से ‘श्री ह्रीं श्री’ लिखें। अब इन्हें पूजा में शामिल करें और उनके सामने इस मंत्र का जाप करें। इसके बाद गोमती चक्र को तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से कभी भी आर्थिक संकट की समस्या नहीं आएगी।
इस दिन किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराएं। इससे आपको और आपके भाई को यमराज की कृपा मिलेगी। इसके साथ ही इस दिन भाई का तिलक करते हुए बहन को यह कहना चाहिए – ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’ (गंगा यमुना की पूजा करती है, यमी यमराज की पूजा करती है, सुभद्रा कृष्ण की पूजा करती है, जिस प्रकार से गंगा यमुना का पानी बहता है, उसी तरह मेरे भाई की आयु बढ़ती रहे।) इसके अलावा बहनों को शाम के समय यमराज के नाम पर चौमुखी दीपक जलाना चाहिए।