हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी को संकट मोचक कहा जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि बजरंगी बली यानी कि हनुमान जी अपने भक्तों को संकट से दूर रखते हैं। कहा जाता है कि जिस भक्त पर हनुमान जी की कृपा होती है, वह अपने जीवन में तमाम सफलताएं हासिल करता है। उल्लेखनीय है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में कुछ खास चीजों का प्रयोग किया जाता है। इनमें से ही एक है मंगलवार के दिन बजरंग बली की पूजा में पान के पत्ते का प्रयोग। आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे कि आखिर क्यों हनुमान जी की पूजा में पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है और इसके क्या लाभ हैं।

मालूम हो कि हिंदू धर्म में पान के पत्ते को काफी पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग अपने शुभ कार्य शुरू करने से पहले इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से उस कार्य में व्यक्ति को सफलता मिलती है। इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा व कुछ अन्य पूजाओं में भी पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, शास्त्रों की मानें तो समुद्र मंथन के समय भी पान के पत्ते का इस्तेमाल किया गया था। और इसके बाद से पूजा में पान के पत्ते के इस्तेमाल का महत्व और भी बढ़ गया।

कहते हैं कि मंगलवार के दिन हनुमान जी को पान का पत्ता या बीड़ा अर्पित करने से वे काफी प्रसन्न होते हैं। हालांकि इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान भी रखना चाहिए। जैसे कि पान का बीड़ा बनाते समय कत्था, गुलकंद, सौंफ, बूरा और सुमन कतरी का ही प्रयोग करना चाहिए। पान के बीड़े में चूना और सुपारी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित करना चाहिए।