Bada Mangal 2020, Hanuman Chalisa And Aarti: ज्येष्ठ का महीना खत्म होने को है और आज इस महीने का आखिरी मंगलवार है। भगवान हनुमान की पूजा के लिए ज्येष्ठ मास बेहद ही खास माना गया है। इस महीने के अंतिम मंगलवार के दिन निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi) और गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) भी है। इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। मान्यता है कि ज्येष्ठ मास के मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आ रहे कष्ट दूर हो जाते हैं।
आज शाम को ऐसे करें पूजन: शाम के समय भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करें। घर में आटे से चौक बनाएं। फिर उस पर एक लकड़ी की चौकी रखें। ध्यान रहे कि पूजा के समय आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ रहे। चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर श्रीराम जी और भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करें। सबसे पहले गणपति जी की अराधना करें। फिर हनुमान जी व श्रीराम चंद्र जी का ध्यान लगाते हुए उनका आवाह्न करें। पूजा के दौरान भगवान पर रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, दक्षिणा, वस्त्र आदि चढ़ाएं। प्रसाद स्वरूप बेसन का हलवा, लड्डू या फिर गुड़ चना चढ़ा सकते हैं। पहले श्रीराम को याद करें फिर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड जो भी आप करना चाहते हैं, उसका पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी की आरती उतारें और भगवान राम की भी स्तुति करें। फिर भोग लगाकर प्रसाद घर के सदस्यों व अन्य लोगों को बांट दें।
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हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti)
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

