How To Get Sarkari Naukri: जॉब सिक्योरिटी के कारण ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक रहते हैं। सरकारी नौकरी के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ ग्रहों का भी योगदान होता है। ज्योतिष अनुसार कुंडली में दशम स्थान कार्यक्षेत्र का माना जाता है। जिसके आकलन से पता चलता है कि आपके किस्मत में सरकारी नौकरी है या नहीं? सूर्य को सरकारी कार्यों का कारक माना जाता है। यदि सूर्य मजबूत होकर कुंडली के दशम भाव में बैठा हो या इस भाव पर सूर्य की दृष्टि हो तो सरकारी नौकरी मिलने के आसार रहते हैं।

ऐसे बनते हैं सरकारी नौकरी के योग: यदि सूर्य कुंडली के धन स्थान पर विराजमान हो तथा दशमेश को देखे तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलने के प्रबल योग होते हैं। सूर्य यदि कुंडली के कार्य के स्थान यानी दशम भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को सरकारी कार्यो से लाभ मिलता है। यदि जन्म पत्रिका में सूर्य और शनि दोनों ही शुभ स्थानों पर हो या फिर शनि पर सूर्य की दृष्टि पड़ती हो तो भी सरकारी नौकरी मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। सूर्य के कुंडली के बारहवें भाव में होने पर सरकारी नौकरी मिलने के चांस रहते हैं। सूर्य यदि बलि होकर कुंडली के छठे भाव में हो तो भी ये सरकारी नौकरी के लिए शुभ संकेत है।

यदि शनि सूर्य की राशि सिंह में विराजमान हो और सूर्य मजबूत स्थिति में हो तो भी सरकारी नौकरी का योग बनता है। सूर्य और बृहस्पति का शुभ योग यदि शुभ भाव में बना हो तो सरकारी नौकरी में उच्च पद मिलता है। इसके अलावा सूर्य और बृहस्पति का शुभ भावों में एक दूसरे के आमने सामने होना भी सरकारी नौकरी दिलाने का काम करता है।

किस ग्रह के मजबूत होने पर कौन-सी नौकरी मिलती है? यदि कुंडली में ये ग्रह अत्यधिक मजबूत हो तब वे अपने क्षेत्र से संबंधित सरकारी नौकरी दिलाते हैं। जैसे मंगल के मजबूत होने से सैनिक या उच्च अधिकारी, बुध के मजबूत होने से बैंक या इंश्योरेंस, गुरु शिक्षा सम्बंधी नौकरी, शुक्र फाइनेंश से संबंधित नौकरी दिलाता है।

सूर्य को कैसे करें मजबूत? कुंडली में सूर्य का पीड़ित होना सरकारी नौकरी या सरकार से जुड़े कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है और इससे मेहनत के बाद भी संतोषजनक परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं। इसलिए सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का नित्य पाठ करें। सूर्य को सुबह-सुबह जल अर्पित करें। ध्यान रखें कि उगते हुए सूर्य को ही अर्घ्य दें। अर्घ्य देने से पहले स्नान कर लें। अर्घ्य तांबे के पात्र से देना सबसे शुभ माना जाता है। अर्घ्य देते हुए जल की धारा के बीच से सूर्यदेव के दर्शन करें। सूर्य को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की आराधना करें। रविवार के व्रत रखने से भी सूर्य देव की कृपा बनती है। सूर्य के कमजोर होने पर आप किसी अच्छे ज्योतिष की सलाह से माणिक्य रत्न भी धारण कर सकते हैं।

सूर्य को जल देते समय इस मंत्र का जाप करें (कम से कम 11 बार)- मंत्र : ‘ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।’