ज्योतिष में योग के कई प्रकार बताए गए हैं। इनमें से कुछ शुभ और कुछ अशुभ योग हैं। कुंडली में अशुभ योग व्यक्ति के जीवन में कई तरह की मुश्किलों का कारण बनता है और उसे किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है। लेकिन सभी योगों में अंगारक योग को सबसे खतरनाक और अशुभ योग माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल और राहु की युति से यह योग बनता है। जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है उसका स्वभाव उग्र, आक्रामक, क्रोधी और हिंसक हो जाता है। इस स्वभाव के कारण व्यक्ति के संबंध रिश्तेदारों से भी बिगड़ जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो कुंडली में मंगल और राहु की युति के प्रभाव को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं किन उपायों से कम होंगे अंगारक योग के दुष्प्रभाव-

इस पाठ का नियमित करें जप

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में अंगारक योग होता है। उन्हें अपनी दैनिक पूजा में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ, बजरंग चालीसा या हनुमष्ट का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी के ये श्लोक अशुभ योग के दुष्परिणाम और जीवन में आने वाली समस्याओं को कम करते हैं।

दोष कम करेगा राहु-मंगल मंत्र

कुंडली में राहु और मंगल की युति से अंगारक योग बनता है। इसलिए अंगारक योग के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिदिन राहु और मंगल मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से राहु और मंगल प्रसन्न रहते हैं और शुभ फल देते हैं और अंगारक योग के दुष्प्रभाव कम होने लगते हैं।

घर में हाथी दांत रखें

अंगारक योग के प्रभाव से भाई-बहनों और संबंधियों से संबंध बिगड़ते हैं। घर में हाथी दांत रखने से इसकी अशुभ स्थिति कम होती है। इसके अलावा घर के बड़ों और माता-पिता की सेवा करें। अपने से छोटे लोगों को उपहार दें।

ऐसे करें हनुमान जी की पूजा

अंगारक योग का प्रभाव बेहद खतरनाक होता है। इससे बचने के लिए पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को सिंदूर लगाएं। ऐसा करने से अंगारक योग का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है।