Adhik Maas Daan : अधिक मास को परम पावन माना जाता है। साल 2020 (Adhik Maas 2020) में अधिक मास 18 सितंबर, शुक्रवार से शुरू होकर 16 अक्टूबर, शुक्रवार तक रहेगा। इस महीने को मलमास (Malmas 2020) या पुरुषोत्तम मास (Purushottam Maas 2020) भी कहा जाता है।
कहते हैं कि क्योंकि इस महीने का नाम अधिक मास है इसलिए इसमें पूजा-पाठ, दान, जाप और आराधना का फल भी अधिक मिलता है। माना जाता है कि लगभग एक महीने की इस समय अवधि (Duration of Adhik Maas 2020) में कुछ विशेष चीजों का दान करना बहुत शुभ होता है। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से घर में बरकत आती है।
केलों का दान
कहते हैं कि यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए इस महीने उनकी आराधना करनी चाहिए। कहते हैं कि भगवान विष्णु की पूजा-भक्ति करने के बाद केलों का दान करने से घर में शुभता आती है। केले को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस महीने में केले का दान जरूर करना चाहिए।
पीले वस्त्रों का दान
अधिक मास में पीले वस्त्रों का दान जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि पीले वस्त्रों का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस एक महीने की अवधि में पीले वस्त्रों का जान शुभफलदायक माना गया है। विशेष तौर पर बृहस्पतिवार के दिन ये दान और अधिक फलदायक साबित होता है।
नारियल का दान
परम पावन अधिक मास में नारियल का दान जरूर करना चाहिए। नारियल को शुभता के लिए जाना जाता है। कहते हैं कि अधिक मास में जो व्यक्ति नारियल का दान करता है उसके घर-परिवार में शुभता के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का वास होता है। अधिक मास में यह उपाय अधिक फलदायी होता है।
भोजन का दान
इस दौरान किसी जरूरतमंद को भोजन का दान करना चाहिए। माना जाता है कि जो इस महीने में भोजन का दान करते हैं उनके घर में कभी अन्न का अकाल नहीं पड़ता है। कहते हैं कि ऐसे लोगों के घर में हमेशा देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। उसी आशीर्वाद की बदौलत घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
किताबों का दान
अधिक मास में धन-धान्य की वृद्धि चाहने वालों को किताबों का दान करना चाहिए। कहते हैं कि इस महीने में जो व्यक्ति गरीब और जरूरतमंद बच्चों को उनकी जरूरत की किताबें दान करता है उस पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसाती हैं। इसलिए किताबों का दान जरूर करना चाहिए।