Chanakya niti in hindi: आचार्य चाणक्य को एक महान राजनीतिज्ञ कहा जाता है। लेकिन उन्होंने राजनीति ही नहीं बल्कि समाज कल्याण के लिए भी ऐसी कई नीतियां बनाई थी जो आज के समय में काफी कारगार साबित होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति चाणक्य द्वारा लिखित नीति ग्रंथ के बातों पर अमल करता है तो उसे अपने जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान मिल जायेगा। क्योंकि चाणक्य ने अपना नीति ग्रंथ अपने जीवन के अनुभवों और ज्ञान के आधार पर लिखा था। जिसमें जीवन के हर एक पहलू की बातें विस्तार से बताई गई हैं। जानिए चाणक्य की वह नीतियां जिसमें उन्होंने परेशानियों से निपटने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है…
दृष्टिपूतं न्यसेत्पादं वस्त्रपूतं पिबेज्जलम्।
शास्त्रपूतं वदेद्वाक्यः मनःपूतं समाचरेत्॥
चाणक्य के इस श्लोक का मतलब है कि आप जिस जगह पर पैर रखने जा रहे हैं पहले उस जगह को अच्छे से देंख लें। जिससे कि किसी भी तरह की चोट या फिर दुर्घटना से आसानी से बच जाएं। इसके अलावा चाणक्य ने बताया है कि जो व्यक्ति शास्त्र से शुद्धकर वाक्य बोलता है वह कभी परेशान नहीं होता। यानी जो व्यक्ति किसी भी बात को यह सोचकर बोलता है कि वह गलत है या सही तो उसे जीवन में जरुर तरक्की मिलती है। यानी किसी भी काम को करने या बोलने से पहले एक बार जरूर सोच लें।
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।
इस नीति श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि जिस जगह पर मूर्खों की पूजा नहीं होती है, सिर्फ ज्ञानियों का सम्मान होता है। जहां ज्ञानियों की बातों पर अमल किया जाता है। जहां धन-धान्य पर्याप्त मात्रा में संग्रहित रहते हैं, अन्न का एक दाना भी व्यर्थ नहीं किया जाचा, जिस घर में पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद नहीं होते हैं, सभी प्रेम से रहते हैं, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं पधारती हैं। ऐसी जगह पर सुख-समृद्धि सदैव बनी रहती है।
दूसरी तरफ जिस जगह पर लोग मूर्खों की पूजा या सेवा करते हैं, जहां धन-धान्य का अपमान किया जाता है, संग्रहण नहीं किया जाता, जिस घर में पति-पत्नी सदैव लड़ते रहते हैं, जहां क्लेश होता रहता है, वहां देवी लक्ष्मी रुकती नहीं है। लक्ष्मी कृपा के बिना इन गलत कामों की वजह से परिवार का धन नष्ट हो सकता है। इसीलिए मूर्ख लोगों की संगत से बचें, थाली में खाना न छोड़ें, परिवार में प्रेम बनाए रखें। तभी जीवन सुखी हो सकता है। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो दुख कभी खत्म नहीं होंगे।