30 May 2022 Panchang in Hindi: पंचांग 5 अंगों से मिलकर बना होता है। जो हैं तिथि, वार, करण, योग और तिथि। इन सबके समावेश से ही किसी शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है। आज ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और कृतिका नक्षत्र है। साथ ही आज शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या है। आज शनि जयंती पर शनि देव की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। आइए जानते हैं शुभ और अशुभ मुहूर्त का समय…

Aaj Ka Panchang 30 May 2022 (आज 30 मई का पंचांग):

विक्रम संवत – 2079, राक्षस

शक सम्वत – 1944, शुभकृत्

पूर्णिमांत – ज्येष्ठ

अमांत – वैशाख

सूर्योदय- 05:24:07

सूर्यास्त- 19:13:10

चन्द्रोदय- नहीं है

चन्द्रास्त- 19:15:59

Aaj ki Tithi 30 May 2022 (आज 30 मई की तिथि):

तिथि अमावस्या: 17:00:57 तक

नक्षत्र कृत्तिका: 07:12:26

करण नाग: 17:00:57 तक

पक्ष: कृष्ण

वार: सोमवार

Aaj ka Shubh Muhurat Samay 30 May 2022 (आज 30 मई शुभ मुहूर्त का समय):

शुभ मुहूर्त/अशुभ मुहूर्त 30 May 2022 Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक और मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार कुल मिलाकर 30 मुहूर्त होते हैं जिसमें से 15 शुभ मुहूर्त और 15 अशुभ मुहूर्त माने जाते हैं जोकि सुबह 6:00 बजे से शुरू हो जाते हैं औऱ शुभ मुहूर्त में श्‍वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजीत, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग यह आते हैं।

अभिजीत मुहूर्त : 11:51:00 से 12:46:17

विजय मुहूर्त: 14:37:00 से 15:32:00 तक

Aaj ka Ashubh Muhurat Samay 30 May 2022 (आज 30 मई अशुभ मुहूर्त का समय) :

दुष्टमुहूर्त: 12:47:17 से 13:42:33 तक, 15:31:05 से 16:28:21 तक

कुलिक: 15:31:05 से 16:28:21 तक

कंटक: 08:09:56 से 09:06:12 तक

राहु काल: 07:08:45 से 08:52:23 तक

कालवेला / अर्द्धयाम: 10:00:28 से 10:56:44 तक

यमघण्ट: 11:52:00 से 12:47:17 तक

यमगण्ड: 10:36:01 से 12:19:39 तक

गुलिक काल: 14:03:16 से 15:46:54 तक

वट सावित्री मुहूर्त 2022 (Vat Savitri 2022 Shubh Muhurat):

अमावस्या तिथि प्रारम्भ : मई 29, 2022 को शाम 02 बजकर 55 मिनट से आरंभ
अमावस्या तिथि समाप्त : मई 30, 2022 को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर समाप्त

वैदिक पंचांग के अनुसार सोमवार 30 मई को वट सावित्री का व्रत पर इस बार विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन शनि जयंती के साथ सुबह 7:13 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होकर 31 मई सुबह 5:09 मिनट तक रहेगा। इस बीच पूजा- अर्चना की जा सकती है।

वट सावित्री व्रत का महत्व:
इस व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा- अर्चना की जाती है। हिन्दू धर्म में बरगद के पेड़ को बेहद ही पूजनीय माना जाता है। बरगद के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए बरगद के पेड़ की आराधना करने से सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

दिशाशूलः आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें। जिससे दोष का परिहार हो सके।

शनि देव की पूजा का मुहूर्त:
इस बार शनि जयंती के दिन सर्वार्थ ​सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर मंगलवार, 31 मई को सुबह 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। शनि जयंती पर शनि देव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस मुहूर्त में पूजा- अर्चना करना आपके लिए बहुत शुभ फलयादी रहेगा। वहीं शनिदेव भी इस दिन अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे, जो संयोग लगभग 30 वर्षों बाद बन रहा है।