सुकमा जिले के कुन्ना और पेडापारा गांव के रहने वालों ने सुरक्षाबलों पर आरोप लगाया है कि तलाशी अभियान के दौरान उन्होंने महिलाओं से छेड़खानी और बदसलूकी की। छह महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस फोर्स के जवानों ने उनसे मारपीट की और उनके प्राइवेट पार्ट्स में चोट पहुंचाई। एक महिला ने तो यहां तक आरोप लगाया कि वो नवजात बच्चे की मां है, इस बात की जांच करने के लिए उसके स्तन से दूध निचोड़कर देखा गया। सीनियर पुलिस अफसरों ने कहा है कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपों की जांच की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आरोप पूरी तरह झूठे हैं और यह नक्सलियों के प्रोपेगैंडा का हिस्सा हैं।
क्या है मामला
डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में दर्ज कराई गई शिकायत में गांव के लोगों ने कहा है कि घटना 12 जनवरी को हुई। छह महिलाओं की ओर से कहा गया है कि उन्हें निर्वस्त्र किया गया। उनका मजाक उड़ाया गया, उन्हें गालियां दी गईं और उनके प्राइवेट पार्ट में चोट पहुंचाई गई। एक महिला ने बताया कि उसे और उसकी पत्नी को पूछताछ के लिए करीब के कैंप में ले जाया गया। महिला ने जब बताया कि उसका बेटा बेहद छोटा है तो सुरक्षाबलों ने कथित तौर पर इसे साबित करने के लिए कहा और उसके स्तन निचोड़कर देखे। शिकायत 15 जनवरी को दर्ज की गई जिसे डिप्टी कमिश्नर ने बस्तर के आईजी, सुकमा के कलेक्टर और एसपी के पास फॉरवर्ड कर दिया।
पहले भी लग चुके हैं आरोप
बता दें कि सुरक्षाबलों पर इससे मिलते जुलते आरोप कुछ कहीने पहले बीजापुर जिले में भी लगे थे। पेडागेल्लूर और चिन्नागेल्लूर गांव के रहने वालों ने सुरक्षाबलों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। पेडागेल्लूर की रहने वाली एक 14 साल की लड़की समेत चार महिलाओं द्वारा गैंगरेप की शिकायत के बाद केस भी दर्ज हुआ था।
