मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने सरकारी अस्पताल में लापरवाही के कारण महिला के जान जाने के मामले में तमिलनाडु सरकार को 28.37 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल कन्याकुमारी जिले के एक अस्पताल की मेडिकल लापरवाही के कारण महिला की मौत साल 2012 में हुई गई थी। 34 साल की रुकमणि को इलाज के लिए नागरकोइल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसे ऑक्सीजन की जगह लॉफिंग गैस (नाइट्रस ऑक्साइड) दे दी गई थी।
यह फैसला हाईकोर्ट की बेंच ने साल 2013 में रुकमणि के पति एस गनेशन की उस याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने अपने और दो बच्चों के लिए 50 लाख के मुआवजे की मांग की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह साफ है कि अस्पताल प्रशासन ने महिला को ऑक्सीजन की जगह नाइट्रस ऑक्साइड दे दिया था। नागरकोइल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ इस मेडिकल लापरवाही में शामिल थे, जिसके चलते याचिकाकर्ता की पत्नी बेहोशी के हालत में पहुंच गई। इसलिए राज्य सरकार मुआवजा देने के लिए बाध्य है।
कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को याची को 8 हफ्ते के अंदर प्रति वर्ष 9 पर्सेंट की ब्याज दर से मुआवजा देने के लिए कहा है। रुकमणि को साल 2011 में नसबंदी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन महिला को ऑक्सीजन की जगह लॉफिंग गैस दे दी गई थी, जिसके चलते उसे भारी ब्लड लॉस का सामना करना पड़ा था। दो अस्पतालों में इलाज के बाद महिला की 4 मई 2012 को मौत हो गई थी।
