राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। खींवसर विधानसभा से हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल मैदान में हैं। हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि अगर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) इस सीट से चुनाव हार गई तो उनके राजनीतिक जीवन के 20 साल का संघर्ष खत्म हो जाएगा।  खींवसर विधानसभा का चुनाव हनुमान बेनीवाल के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। वजह उनके साथी रही रेवतराम डांगा के बीजेपी की ओर से मैदान में उतरने से है। कांग्रेस ने सवाई सिंह चौधरी की पत्नी डाक्टर रतन सिंह को चुनाव में उतारा है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

यह चुनाव हनुमान बेनीवाल के लिए क्यों है कठिन परीक्षा?

इंडिया गठबंधन के तहत समझौता नहीं होने से हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का सामना कर रहे हैं। बीजेपी से मिल रही टक्कर के बीच उन्हें कांग्रेस का समर्थन नहीं मिलना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। पिछले तीन चुनाव खींवसर विधानसभा सीट से हनुमान बेनीवाल ने ही जीते थे। अब सांसद बनने के बाद उपचुनाव में बेनीवाल ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। पिछले पांच साल में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को मिला समर्थन फीका पड़ गया है। 2018 में उनकी पार्टी के तीन विधायक थे लेकिन अब वह एक सीट बचाने की भी लड़ाई लड़ रहे हैं।

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यह चुनाव हारे तो हो जाएगा सफाया

एनडीटीवी राजस्थान की खबर के मुताबिक हनुमान बेनीवाल ने खींवसर में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि अगर मैं यह चुनाव हार गया तो लोग कहेंगे कि हनुमान 20 साल लड़ा और यह चुनाव हार गया। अब चूंकि आरएलपी के पास एक मात्र सीट खींवसर है तो इसे बचाए रखना उनके लिए बेहद जरूरी हो गया है। अगर वह यह चुनाव हार जाते हैं तो राजस्थान में उनकी पार्टी का सफाया हो जाएगा। यह लड़ाई उनके लिए वर्चस्व बचाने की लड़ाई मानी जा रही है। राजस्थान की 7 में से इस सीट पर सभी की नजरे हैं। उपचुनाव के लिए मतदान 14 नवंबर को होना है और नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे।