छात्रों के स्टाइलिश हेयरस्टाइल से नाखुश पश्चिम बंगाल के दो स्कूलों ने हेयरड्रेसरों के साथ एक अभियान शुरू किया है। इसमें ईस्ट मिदनापुर स्थित नयापूत सुधीर कुमार हाई स्कूल ने नाइयों को नोटिस जारी किया जबकि मुर्शीदाबाद में न्यू फरक्का हाई स्कूल ने 40 स्थानीय नाइयों के लिए एक “संवेदीकरण कार्यक्रम” का आयोजन किया, जिसमें पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें छात्रों को स्टाइलिश बाल कटाने से रोकने के लिए कहा गया।
नयापूत स्कूल की प्रिंसिपल बसंता घरई के मुताबिक ट्रेंडी हेयरकट की परेशानी करीब एक साल पहले शुरू हुई। मगर हाल के दिनों में यह आग की तरह फैल गया। घरई ने बताया, ‘पिछले साल हमने कुछ छात्रों को अजीब हेयरकट रखे हुए देखा। हम चौंक गए। कुछ के साइड में बाल नहीं थे, दूसरों के सिर के ऊपर बाल थे, कुछ के सिर में ‘Z’ जैसे अक्षर थे। पूर्व में कुछ मुट्ठी भर लड़के ऐसे बाल कटाने का खेल करते थे। मगर यह ट्रेंड आग की तरह फैल गया।’
उन्होंने बताया, ‘शुरुआत में हमने ऐसे बच्चों के परिजनों को आगाह किया। मगर हम चिंतित थे कि छात्रों को फटकारने या दंडित करने से बैक फायर हो सकता है। ऐसे में हमने स्थानीय नाइयों को नोटिस भेजने का निर्णय लिया। दो अगस्त को हमने नयापूत क्षेत्र के तीन नाइयों को नोटिस भेजा और उनसे कक्षा पांच से 12वीं तक के छात्रों के ऐसे बाल नहीं काटने को कहा।’
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नोटिस की एक कॉपी इंडियन एक्सप्रेस को भी मिली है। इसमें लिखा है, ‘किसी भी परिस्थिति में छात्रों के दो तरह के बाल नहीं काटे जाएं। इसमें स्टाइलिश कटिंग भी शामिल है। कृपया उन्हें हतोत्साहित करें। वो आपके बच्चे हैं और उन्हें अनुशासित करने में हमारी मदद करें।’
घरई का कहना है कि उसके बाद नाइकों को स्कूल बुलाया और चेतावनी दी गई। इसके बाद से स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि कुछ छात्र अभी भी स्टाइलिश कटिंग के समर्थन में हैं, मगर हमें यकीन की बाद में यह अतीत की बात होगी।
वहीं नाइयों का कहना है कि वो ग्राहकों के कहे मुताबिक बाल काटते हैं, जैसा उन्होंने हमेशा किया है। एक नाई कार्तिक बारिक ने कहा, ‘छात्र हमारे पास उन मॉडल्स के तस्वीरें लेकर आए जिनके जैसे वो बाल कटवाना चाहते हैं…हम क्या कर सकते थे? अगर हमने ना कहा होता तो वो कहीं और चले गए होते। मगर अब हम उनकी गुजारिश को मानने से इनकार कर देते हैं।

