कोलकाता के कृष्णा प्रसाद के लिए पिता बनने की खुशी एक सरकारी अस्पताल की लापरवाही से काफूर हो गई। बच्चा मिलने के कुछ ही घंटे बाद प्रसाद को हॉस्पिटल ने बताया कि यह बच्चा उनका नहीं है। उनकी गोद से बच्चा लेकर एक दूसरा बच्चा उन्हें दे दिया गया। अब वे परेशान हैं कि हॉस्पिटल द्वारा दिया गया बच्चा भी उनका है या नहीं। 28 साल के प्रसाद शहर के एक एफएम स्टेशन में रिसेप्शनिस्ट हैं। उन्होंने The Indian Express से बातचीत में बताया, ” मेरी पत्नी ऊषा देवी को 24 जून को लेबर पेन होने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उसने उसी दिन एक बच्ची को जन्म दिया। मुझे कुछ सेकेंड के लिए बच्ची दिखाई गई, फिर उन्होंने कहा कि वे उसे ऑक्सीजन देने के लिए ले जा रहे हैं। शाम को चार बजे मेरी बीवी को बच्ची (बेड नंबर 4) दी गई। मैं वहां शाम 6 बजे तक रहा, फिर घर के लिए निकाला। रास्ते में मेरी बीवी का फोन आया कि हॉस्पिटल के अधिकारियों ने बच्ची ये कहते हुए वापस ले ली कि वह हमारी बेटी नहीं है और बेड नंबर 12 वाली बच्ची से गलती से बदल गई है।”
जब प्रसाद भागकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि शाम 4 बजे जो बच्ची उन्हें दी गई, वह उनकी नहीं थी। प्रसाद ने कहा, ”अब मैं कंफ्यूज हूं और तय नहीं कर पा रहा कि मेरा बच्चा कौन सा है। जो उन्होंने मुझे रात में दिया, उसके लिए कपड़े मैंने खरीदे और वही पहने हुए उसे हमसे ले लिया गया। मैंने इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि चूंकि बच्चे के लिए उस वक्त कोई कपड़े मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्होंने मेरे खरीदे हुए कपड़े इस्तेमाल कर लिए। मैंने हॉस्पिटल अधिकारियों को लिखित शिकायत की है जिसकी एक कॉपी मैनिकटाला पुलिस थाने को भी दी गई है। मैंने उनसे कहा है कि वे पुष्टि करें कि बच्चा मेरा है, अगर जरूरत हो तो डीएनए टेस्ट भी करवा लें।”
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हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. मयूर रॉय ने माना कि कुछ कंफ्यूजन हुई थी लेकिन उसे जल्द दूर कर लिया गया। उनके मुताबिक, ”बेड नंबर 4 और 12 के बच्चे कुछ घंटों के लिए आपस में बदल गए थे लेकिन जल्द ही इसे दुरुस्त कर लिया गया। मुझे नहीं लगता है कि अब कोई कंफ्यूजन होनी चाहिए।”
पुलिस ने भी अधिकारियों से इस बारे में पूछताछ की लेकिन कहा कि कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सका। मैनिकटाला पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ”वहां एक छोटी सी समस्या हो गई थी जिसे अस्पताल के अध्ािकारियों ने सुलझा दिया। हमें बच्चों में से एक के पिता की लिखित शिकायत मिली है, हमने पूछताछ भी की लेकिन कोई मामला नहीं बनता क्योंकि समस्या सुलझा ली गई है।”