पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के दिन भड़की हिंसा के बाद धारा 144 लगा दी गई है। मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी दिल्‍ली से गुरुवार को वापस राज्‍य में लौट सकती हैं। आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो यहां के दौरे पर हैं। उन्‍होंने ट्विटर पर ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इंटरनेट बंद करने के फैसले की जमकर भर्त्‍सना की। पुलिस कमिश्‍नर के अनुसार, इंटरनेट पर 48 घंटों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हिंसा के बाद हिन्‍दू समुदाय के लोग वहां से पलायन कर रहे हैं।

एबीपी न्‍यूज से बातचीत में एक पलायनकर्ता ने कहा, ”हम सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं। हम अपने परिवारों को वहां ले जा रहे हैं जहां मुस्लिम आबादी बेहद कम हो।” एक अन्‍य ने चैनल से कहा, ”ममता बनर्जी हिन्‍दुओं के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।” इलाके में भारी सुरक्षा-बल तैनात किए गए हैं। आज तक के अनुसार, आसनसोल में करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गांवों में हालात अभी भी बिगड़े हुए हैं।

राज्‍यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी आसनसोल जाने की तैयारी में थे मगर ममता सरकार ने उन्‍हें सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जता दी। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इलाके में पुलिस की तैनाती को देखते हुए माननीय राज्‍यपाल को पर्याप्‍त सुरक्षा मुहैया करा पाना मुश्किल होगा। राज्‍य सरकार ने राज्‍यपाल को ‘दुर्गापुर दौरे पर न जाने’ की सलाह दी।

पीटीआई के अनुसार, पुलिस ने बताया कि आसनसोल में बीजेपी द्वारा रामनवमी जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़की थी। कथित तौर पर जुलूस उधर से ले जाया गया जहां मुस्लिम ज्‍यादा संख्‍या में रहते हैं। दो समूहों के बीच पुलिस के हस्‍तक्षेप करने के बावजूद हिंसक भिड़ंत हुई।

बुधवार (28 मार्च) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से बीते दो दिनों में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई आगजनी व हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी। मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य के कुछ जिलों में हिंसा व तनाव के जारी रहने की खबरों के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की सहायता की पेशकश भी की है।