पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की अब तक करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामदगी की जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष पीएमएलए अदालत में सोमवार को आरोपपत्र दायर किया। इसमें नकदी और अचल संपत्ति के रूप में इस बरामदगी का दावा किया गया है। ईडी ने 23 जुलाई को चटर्जी और मुखर्जी को स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित धन के लेन-देन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
आरोप पत्र में ईडी ने कहा है कि अर्पिता बच्चा गोद लेना चाहती थी, जिसके लिए पार्थ चटर्जी ने आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) पर साइन किया था। ईडी के मुताबिक पार्थ ने अनापत्ति प्रमाणपत्र के बारे में कहा कि एक जनप्रतिनिधि के तौर पर कई लोग उनके पास विभिन्न विषयों पर प्रमाणपत्र लेने आते हैं। इसलिए उनके लिए ऐसे कई प्रमाणपत्र बनाए जाते हैं। हालांकि, पार्थ ने जांचकर्ताओं के सामने स्वीकार किया कि प्रमाणपत्र के नीचे हस्ताक्षर उनके ही हैं।
ईडी ने जो संपत्ति कुर्क की है, उसमें 40.33 करोड़ रुपये की 40 अचल संपत्ति और 7.89 करोड़ रुपये की शेष राशि वाले 35 बैंक खाते शामिल हैं। कुर्क की गई संपत्तियों में फ्लैट, एक फार्म हाउस, कोलकाता शहर में प्राइम लोकेशन की जमीन और बैंक बैलेंस शामिल हैं।