कर्नाकट के बेंगलुरु स्थित एजीपुरा इलाके में सोमवार सुबह गैस सिलेंडर फट गया। जोरदार धमाके में एक इमारत ढह गई। हादसे में कुल छह लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ के दस्तों ने राहत और बचाव कार्य में मलबे में दबे लोगों और शवों को निकाला। इस दौरान एक मासूम बच्ची की जान भी बचा ली गई, लेकिन उसके मां-बाप इस हादसे में जान गंवा बैठे। राज्य सरकार ने इस बाबत उसे गोद लेने का ऐलान किया है।
चश्मदीदों के मुताबिक, सुबह सात बजे तेज धमाका हुआ, जिसमें तकरीबन 20 साल पुरानी इमारत ढह गई। सूचना पर अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ के दस्ते वहां राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंचे। मलबे में दबे हुए लोगों के शव निकाले जाने लगे। इसी बीच दस्ते को एक मासूम के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। दस्ते ने मलबा खोदा और उसे बाहर निकाला। बच्ची के शरीर पर धूल-मिट्टी लगी हुई थी। जबकि माथे पर चोट आई हुई थी। सबसे पहले दो लोगों के शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान हुई कलावती (68) और रविचंद्रन (30) के रूप में हुई।
#WATCH: Girl child rescued from Ejipura building collapse site in Bengaluru. Her parents died in the incident,govt has decided to adopt her. pic.twitter.com/jZcI1VHAf5
— ANI (@ANI) October 16, 2017
राज्य सरकार ने इस पर मृतकों के परिजन को पांच लाख रुपए और घायलों के परिजन को 50 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया है। एक मंत्री ने यह भी कहा कि बच्ची (जिसके मां-बाप हादसे में नहीं रहे) को सरकार गोद लेगी और उसके खर्च की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी। पुलिस के मुताबिक दो बच्चों को इमारत के मलबे से बाहर निकाला गया है।