असम, पश्चिम बंगाल और बिहार समेत देश के कई हिस्सों में बाढ़ ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। तेज बारिश और बाढ़ की वजह से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच असम के नागांव के कालियाबोर में एक नदी पर बना पुल बाढ़ की वजह से टूट गया। इससे वहां के लोगों का संपर्क दूसरे इलाकों से टूट गया है। असम के 15 जिलों के 781 गांवों में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहां करीब 12 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

पड़ोसी राज्य बिहार में भी बाढ़ से स्थिति भयावह हो गई है। अररिया, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण और पछ्चिमी चंपारण जिलों के करीब दो दर्जन से ज्यादा प्रखंडों में स्थिति भयावह है। अररिया का जोगबनी स्‍टेशन बाढ़ में पूरी तरह डूब चुका है। इसके अलावा अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्वी चंपारण में कई जगहों पर रेल ट्रैक पर बाढ़ का पानी बह रहा है। इस वजह से रेल यातायात बाधित हुई है। कटिहार का भी देश के पूर्वोत्‍तर इलाकों से संपर्क कट गया है।

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पश्चिम बंगाल में बाढ़ से बचाकर अपने जानवरों को ले जाते बच्चे।

पश्चिमी चंपारण के सिकटा में दोन कैनाल तटबंध टूट जाने से आसपास के गांव के घरों में पानी घुस आया है। महानंदा के अलावा कोसी नदी भी ऊफान पर है। कई गांवों में पांच से सात फीट तक पानी घुसा हुआ है। पश्चिम चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा जिले के गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से अफरातफरी मची है।

पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी बाढ़ विकराल रूप दिखा रही है। शुक्रवार से हो रही भारी बारिश की वजह से वहां भी 5 जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। मालदह, अलीपुरद्वार, न्यू जलपाईगुड़ी-अलीपुरद्वार-सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग-कर्सियांग, उत्तर दिनाजपुर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। वहां घरों में पानी घुस आया है। बाढ़ से जान-माल के नुकसान और मौत का सिलसिला भी जारी है। इसबीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री से बात की है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम वहां भेजी जा रही है।