उत्तरकाशी टनल हादसे में मजदूरों की जान बचाने में रैट माइनर्स ने एक अहम भूमिका निभाई थी। उनकी वजह से ही सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। अब मजदूरों को जिन रैट माइनर्स ने बाहर निकाला, आज उनमें से कई गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। एक रैट माइनर का तो घर ही अब बुलडोजर से तोड़ दिया गया है, ये कार्रवाई दिल्ली में प्रशासन द्वारा की गई है।

असल में बुधवार को प्रशासन ने वकील हसन नाम के रैट माइनर के घर पर बुलडोजर चला दिया। उसका पूरा घर ध्वस्त कर दिया गया। हसन का आरोप है कि प्रशासन ने कोई नोटिस नहीं दिया था, एक आश्वासन जरूर मिला था कि घर को हाथ नहीं लगाया जाएगा। लेकिन अब उस घर को ही हमेशा के लिए छीन लिया गया है। इसके ऊपर हसन का ये भी आरोप है कि उसके बेटों को भी पुलिस द्वारा पीटा गया है।

अब एक रैट माइनर के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया, आखिर ऐसा कौन सा अपराध हो गया? इस सवाल का जवाब खुद वकील हसन के पास तो नहीं है, लेकिन प्रशासन जरूर अपने जवाब के साथ तैयार है। साफ कहा गया है कि पहले से ही अवैध जमीन को मुक्त करवाने की कार्रवाई की जा रही थी। हसन का घर भी उसी जमीन पर आ रहा था, ऐसे में तय रणनीति के तहत ही एक्शन लिया गया।

एक जारी बयान में डीडीए ने कहा कि जिस जमीन पर बुलडोजर चला है, वो योजनाबद्ध विकास भूमि का एक हिस्सा थी। अभी कई अवैध रूप से निर्मित निर्माणों को ध्वस्त किया गया है। खजूरी गांव में भी उसी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया जो विकास वाली भूमि थी। यानी कि इस विवाद के भी दो पहलू हैं, एक रैट माइनर का तो दूसरा प्रशासन का। कौन सही, कौन गलत, इसका फैसला आने वाले दिनों में होगा अगर कोई किसी को चुनौती देने का काम करे।