उत्तराखंड में सरकारी धन व योजनाओं को लेकर सूबे की नौकरशाही किस तरह से लापरवाही करती हैं, इससे जुड़े कई मामले अब सामने आ रहे हैं। सूबे में नई सरकार बनने पर अफसरों की गलतियों के नए-नए नमूने देखने सुनने को मिल रहे हैं। जो सूबे की नौकरशाही के कामकाज पर सवालियां निशान खड़े कर रहे हैं। सूबे की नई सरकार को अफसरशाही के इन कारनामों से दो-चार होना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में गरीबों के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं पर अफसरों ने जबरदस्त डाका डाला है। नियंत्रक एवं महालेखाकार (कैग) ने अफसरों के इस खेल का खुलासा किया हैं। इससे सूबे के अफसरों में हड़कंप सा मच गया है। समाज कल्याण विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में कई ऐसे निजी संस्थानों को छात्रवृति दे दी थी जिनमें छात्र नहीं थे और कई संस्थानों का अस्तित्व केवल कागजों में था। फर्जी छात्र दिखाकर इन निजी संस्थानों ने समाज कल्याण के आलाधिकारियों के साथ मिल कर छात्रवृति के नाम पर करोड़ों रुपयों की बंदर बांट की।
