उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने उस खबर को फर्जी बताया है जिसमें बोर्ड द्वारा मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने के सरकारी निर्देश को ना मानने की बात कही गई है। बोर्ड ने शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि उन्हें प्रदेशभर के सारे मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने में कोई एतराज नहीं है। बोर्ड के सहायक रजिस्ट्रार अखलाक अहमद अंसारी ने कहा है कि इस्लाम के अनुसार सिर्फ इबादत वाले कमरे में किसी जीवित व्यक्ति की तस्वीर नहीं हो सकती। इसके अलग किसी भी दूसरे कमरे में तस्वीर लगाई जा सकती है। किसी भी मदरसे को इसमें क्या दिक्कत होगी। ये मामला उस समय सुर्खियों में आया जब शुक्रवार को ये खबर मीडिया में आई कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने प्रदेशभर के मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने के सरकारी निर्देश को मानने से इंकार किया है। इस खबर पर ही सवाल उठाते हुए अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं कि मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगानी है।

पिछले साल 24 अगस्त को राज्य सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें सभी सरकारी कार्यालयों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने की बात कही गई थी। इसके अगले ही महीने यानि सितंबर में राज्य सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इस सर्कुलर को अपने तहत आने वाले सभी डिपार्टमेंट में भेज दिया था। इस पर अंसारी का कहना है कि राज्य के 297 मदरसों में से 296 मदरसे ना ता सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हैं और ना ही सरकार द्वारा संचालित ऐसे में ये सर्कुलर उन पर लागू नहीं होता। इन मदरसों में से कितनों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगी हैं ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया गया है। हमें जैसा ही ये सर्कुलर प्राप्त हुआ हम अपने कार्यलय में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगा चुके हैं। हम निश्चित ही अपने जिला कार्यालयों को लिखेंगे कि पता करें किन मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर नहीं लगी है और उन्हें लगाने के लिए प्रेरित करेंगे।