उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गुरुवार को चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री व 60 हजार लोग योग करेंगे। देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) का मैदान इस भव्य आयोजन का साक्षी होगा। योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार और ऋषिकेश से इस पुरातन पद्धति के हजारों जानकार देहरादून पहुंच चुके हैं। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के 20 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता देहरादून पहुंचे चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के कारण पूरा देहरादून योग के रंग में रंग गया है।
प्रदेश के 13 जिलों से योग सीखने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और योग की विभिन्न संस्थाओं से जुड़े लोगों को देहरादून लाया गया है। देहरादून में राजपुर रोड, डालनवाला, रायपुर, प्रेमनगर समेत कई स्थानों पर बाहर से आए योग प्रशिक्षुकों को ठहराया गया है। देहरादून की गलियों और बाजारों में आजकल बाहर से आए योग प्रशिक्षुकों की चहल-पहल है। पूरा देहरादून योगमय सा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम एफआरआइ के मैदान में होगा। यहां 60 हजार लोग एक साथ योग करेंगे। इस मैदान की चाक चौबंद सुरक्षा में उत्तराखंड पुलिस, एसपीजी और केंद्रीय सुरक्षाबल जुटे हैं।

एफआरआइ के मैदान में तीन हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। वहीं 65 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साढ़े चार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला वन अनुसंधान संस्थान भारतीय सैन्य अकादमी से लगा हुआ है। यहां चारों ओर जंगल है, उसके बीचों-बीच एफआरआइ की 1906 में बनी ऐतिहासिक इमारत खड़ी है। ब्रिटिशकाल की यह इमारत ब्रिटेन की कारीगरी का भव्य नमूना है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए बुधवार से ही एफआरआइ का यह क्षेत्र जीरो जोन में तब्दीलकर दिया गया है। चकराता रोड पर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाला ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया है और एफआरआइ में अत्याधुनिक सुरक्षा-सुविधाओं से युक्त पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह पूरे कार्यक्रम पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखेगा। शुक्रवार की सुबह 5 बजे एफआरआइ के मैदान में योग प्रशिक्षुकों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। मुख्य द्वार पर 21 जून की सुबह 4 बजे से पंजीकृत पासधारकों को प्रवेश मिलेगा।

अब तक जिन राज्यों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन हुआ, उनमें दिल्ली का राजपथ, पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ और लखनऊ हैं। देहरादून के जिस मैदान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा, उस मैदान में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आए योग प्रशिक्षुकों ने तीन बार अभ्यास किया। इस अभ्यास में एक बार स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा के कई छोटे-बड़े नेता शामिल हुए। साथ ही मुख्यमंत्री रावत के नेतृत्व में देहरादून में योग दौड़ भी हुई।

कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि योग के नाम पर उत्तराखंड में सक्रियता राज्य सरकार की विफलता को छिपाने की कोशिश है। योग के मेगा शो के जरिए जनता का ध्यान मूल सवालों से भटकाया जा रहा है। उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को राजनीति से जोड़ने का कांग्रेस का प्रयास बचकानी हरकत है। योग का किसी धर्म, जाति और राजनीति से कोई लेना-देना है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना है, यह हम उत्तराखंडवासियों के लिए गौरव की बात है।