UKSSSC Secretariat Guard Exam Paper Leak Case: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने शनिवार (27 अगस्त, 2022) को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) सचिवालय गार्ड परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तारी की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने पेन ड्राइव के जरिए पेपर को चुराया था।
सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसटीएफ की टेक्निकल टीम द्वारा आयोग में जांच के बाद इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को पाने में सफलता प्राप्त हुई। उपरोक्त मामले में अभियुक्त प्रदीप पाल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला है। साक्ष्य और पूछताछ के बाद एसटीएफ ने मामले का खुलासा किया।
उपरोक्त अभियुक्त भी आरएमएस कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था। जिसके द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया और अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों को लाखों रुपये में बेचा गया था। एसटीएफ की ओर से अपील की गई है, जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है।
बता दें, आरोपी प्रदीप पाल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला है। यूकेएसएसएससी के साथ लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जो एक आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से एक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में जुड़ा था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि उसने मुद्रण प्रक्रिया के दौरान प्रश्न पत्र की सॉफ्ट कॉपी चुरा ली और उसे पेन ड्राइव में अन्य आरोपियों को सौंप दिया और उन्होंने इसे उम्मीदवारों को 6 लाख से 10 लाख रुपए के बीच की कीमत पर बेचा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के दौरान ठोस तकनीकी सबूत इकट्ठा करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि सचिवालय गार्ड प्रश्न पत्र यूकेएसएसएससी कार्यालय में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में छपा था, जिसकी फुटेज आरोपी की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण थी। अधिकारी ने अनुचित तरीकों से सचिवालय गार्ड परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों से जांच में शामिल होने या कार्रवाई का सामना करने की बात कही है।
मामले में देहरादून के रायपुर थाने में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। छह आरोपियों में से पांच को पहले यूकेएसएसएससी स्नातक स्तर के पेपर लीक मामले में प्रदीप को छोड़कर गिरफ्तार किया गया था। इनमें देहरादून के जयजीत दास, टिहरी गढ़वाल निवासी दीपक चौहान, उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी कुलवीर सिंह, चंपावत के मनोज जोशी और अल्मोड़ा के मनोज जोशी हैं।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (फर्जी दस्तावेज के रूप में उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।