Uttarakhand: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला गांव (Purola Village) में करीब 30 लोगों द्वारा क्रिसमस के एक कार्यक्रम के दौरान धर्मांतरण कराए जाने को लेकर हमला करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
घटना शुक्रवार की है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पता चला था कि क्रिसमस पार्टी के दौरान इस गांव में कथित तौर पर धर्मांतरण कराया जा रहा है, इसी वजह से उन्होंने हमला किया।
पुलिस ने बाद में इस मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया। इनमें पादरी लाजर कुरनेलियुस (Pastor Lazarus Cornelius) और उनकी पत्नी भी शामिल थीं। हालांकि बाद में पुलिस ने जांच के बाद उन्हें छोड़ दिया। इस मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लेने के बाद ही इन दोनों को हिरासत से छोड़ा गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने गांव के होप और लाइफ सेंटर पर हमला किया था। यह जगह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 150 किलोमीटर दूर है। घटना शुक्रवार दोपहर की है। जिस पादरी पर हमला हुआ वो यूनियन चर्च मसूरी से ताल्लुक रखते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ईसाइयों और मुसलमानों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पहले भी हमले हुए हैं। पुलिस फिलहाल इस मामले में साफ तौर पर कोई भी जानकारी नहीं दे पाई है।
उत्तराखंड में धर्मांतरण अब अपराध की श्रेणी में आएगा
बता दें, राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने वाले विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के द्वारा औपचारिक नोटिफेशन जारी होने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण अब अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। राजभवन की मंजूरी के साथ विधेयक विधि विभाग को मिल गया है।
जबरन कराए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर राज्य में लंबे समय से मांग उठ रही थी। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में 29 नवंबर को सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक पेश किया। बिल पेश करने के अगले दिन इसे पारित कर दिया गया। जिसके बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।