रावण से युद्ध के दौरान घायल हुए लक्ष्मण की जान बचाने के लिए भगवान हनुमान संजीवनी बूटी की तलाश में निकले थे। संजीवनी बूटी नहीं मिल पाने पर वह पूरा पर्वत ही उठा लाए थे। हिंदुओं के महाकाव्य रामायण में कुछ इसी तरह से इस जादुई जड़ी-बूटी की कहानी बताई गई थी।
हालांकि यह एक मिथक नहीं हो सकता, कम से कम उत्तराखंड सरकार के मुताबिक तो बिलकुल भी नहीं। क्योंकि यहां की हरीश रावत सरकार का मानना है कि संजीवनी जड़ी-बूटी हिमालय में ही कहीं छिपी है। इतना ही नहीं सरकार ने संजीवनी खोजने के लिए 25 करोड़ रुपए खर्च करने की भी योजना बनाई है।
योजना के मुताबिक हिमालय में छुपी इस जीवन बचा लेने वाली बूटी को तलाश शुरू की जा चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस पर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी। खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस खबर की पुष्टि की है। हरीश रावत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “हमने संजीवनी बूटी की तलाश शुरू कर दी है। हमारे वैज्ञानिक लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं।”
वहीं राज्य के आयुष मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने एएफपी से बातचीत में बताया, “दुनियाभर में जड़ी-बूटियों का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। जानकारों का मानना है कि इसमें जीवन रक्षक गुण पाए जाते हैं। हमने इस योजना के लिए 25 करोड़ रुपए (37 मिलियन डॉलर) का बजट बनाया है।” बूटी की खोज चमोली जिले के द्रोणागिरी रेंज में की जाएगी। आपको बता दें कि रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण पहले ही मृत संजीवनी खोजने का दावा कर चुके हैं।
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We have begun the search for 'Sanjeevani booti', our scientists are working: Harish Rawat,Uttarakhand CM pic.twitter.com/H8XomTRT2l
— ANI (@ANI) July 29, 2016