नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही नकदी की परेशानी के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत होने वाली निशुल्क जांच सुविधाएं उन लोगों तक भी विस्तारित कर दिया जो उसके तहत नहीं आते। उन्होंने नोटबंदी के बाद राज्य को स्टाम्प, वैट सहित राजस्व, पर्यटन और निर्माण क्षेत्र में होने वाले नुकसान का आकलन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

अधिकारियों के साथ एक बैठक में नोटबंदी के बाद प्रदेश की जनता को हो रही नकदी की परेशानी को कम करने के उपायों पर विचार विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्डधारकों को मुफ्त में मिलने वाली जांच सुविधाएं उन लोगों को भी तीन माह तक उपलब्ध कराने को कहा जो इस योजना के तहत नहीं आते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन निशुल्क जांच की सुविधा दिए जाने से पहले यह देख लिया जाए कि उनके पास उत्तराखंड का कोई पहचान पत्र हो।

वर्तमान में किसानों को बीज और खाद खरीदने में हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए रावत ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने बिजली बिल का 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा भुगतान करने वाले किसानों से बकाया बिल की वसूली फिलहाल न की जाए। इससे किसानों पर बोझ कम होगा और वे अपनी नकदी का उपयोग बीज और खाद खरीदने में कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बैंकों के साथ समन्वय बना कर आम जनता को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए। रावत ने अधिकारियों को संबंधित संस्थाओं को यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देने को भी कहा कि सरकारी वसूलियों, लाइसेंस फीस, बिजली और पानी के बिलों के भुगतान में पुराने नोट स्वीकार किए जाएं।