अग्निवीर योजना लांच होने के बाद से ही विवादों में रही है। विपक्ष शुरू से ही इसको लेकर केंद्र को आड़े हाथों लेता रहा है, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार के मंत्री सतपाल महाराज ने ही इस भर्ती को लेकर सवाल उठा दिए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में नियमों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

उनका कहना है कि अग्निवीरों की भर्ती में दौड़, लंबाई और शारीरिक क्षमता की माप नियमों के विरुद्ध की जा रही है। बकौल सतपाल महाराज उत्तराखंड के युवाओं के लिए फौज की भर्ती में लंबाई 163 सेंटीमीटर तय है। देश के पहले सीडीएस विपिन रावत ने ये नियम तय किए थे लेकिन, अब भर्ती में 170 सेंटीमीटर लंबाई मापी जा रही है। दौड़ में भी मानकों को दरकिनार किया जा रहा है।

सतपाल महाराज के आरोपों से विपक्ष को भी मौका मिल गया है। कांग्रेस का कहना है कि अग्निवीर भर्ती को लेकर विपक्ष पहले से ही यह बात कह रहा था कि यह युवाओं के विरुद्ध है। अब सरकार के ही मंत्री नियमों के विरुद्ध भर्ती की बात कह रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश में युवाओं के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है और मानकों के विरुद्ध भर्ती की जा रही है।

ध्यान रहे कि योजना के जरिये सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती की जा रही है। हालांकि, पहले इसे लेकर काफी विरोध हुआ। कई जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली, लेकिन बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा अब भर्ती के लिए लाइन में लग रहे हैं।

उनका मानना है कि चार साल के लिए ही सही रोजगार तो मिलेगा। योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार वर्ष के अनुबंध के आधार पर सेना में भर्ती किए जाने का प्रावधान है। 4 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए चुना जाएगा।