उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अपनी पत्नी की डिलीवरी सरकारी अस्पताल में करवा कर एक उदाहरण पेश किया है। डीएम ने अपनी अर्धांगिनी को जिले के सरकारी अस्पताल में शनिवार को भर्ती कराया जहां देर रात उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया। उनका संदेश है कि सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत ही प्रसव कराएं जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके।
डीएम कौशाम्बी की इस अनूठी पहल ने साबित कर दिया कि आज भी सोच बदलने की जरूरत है कि सरकारी सुविधाएं किसी भी बड़े हॉस्पिटल से कम नहीं है। डीएम वर्मा का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर सुविधाएं हैं। बावजूद इसके लोग प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ अंधी दौड़ लगाते हैं। सूत्रों ने बताया कि शनिवार (10 अक्टूबर) की सुबह जब डीएम की पत्नी अंकिता राज को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तब डीएम ने अपनी पत्नी से जिले के सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने को कहा, जिसके लिए वो तैयार हो गई।
बच्ची को जन्म देने पर अंकिता राज को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत पांच हजार रुपये मिले हैं। हालांकि, जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने पैसे पाने के लिए ऐसा नहीं किया बल्कि लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव कराना चाहिए और सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहिए।