आवारा पशुओं को लेकर किसानों ने कई जगह विरोध किया था। अलीगढ़ में चल रहे आवारा पशुओं के खतरे को हल करने के लिए एक असामान्य तरीके से, जिले के पुलिस अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से गाय और बछड़ों को गोद लेना शुरू कर दिया है। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एके साहनी द्वारा जिला पुलिस अधिकारियों की बैठक में स्वेच्छा से एक पशु अपनाने के प्रस्ताव को मान लिया गया। 41 पुलिस कर्मियों ने एक-एक आवारा गोवंश को अपनाने की मुहिम की शुरूआत कर दी। इनमें एसएसपी के अलावा चार अतिरिक्त एसपी, नौ सर्किल ऑफिसर और 27 पुलिस स्टेशन इंचार्ज शामिल थे। 1 जनवरी से गोवंश अपनाए जाएंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एसएसपी एके साहनी ने कहा, ”हर प्रतिकूल कानून-व्यवस्था की स्थिति का सामना करना पड़ता है, इसलिए हमें समाज की समस्याओं के समाधान के लिए पहल करनी चाहिए। साहनी ने हालांकि कहा कि यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार द्वारा बनाए जा रहे सभी गौ आश्रय चालू नहीं हो जाते।
पुलिस अधीक्षक (सिटी) आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि पहले लोगों को अपने जानवरों को नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि वे सड़कों पर उपद्रव करने के अलावा खेतों में खड़ी फसलों को खराब कर देते हैं। द्विवेदी ने कहा कि उनके घर में गोवंश रखने के लिए कोई जगह नहीं थी, लेकिन उन्होंने जानवरों के पालन-पोषण का पूरा खर्च उठाने के लिए स्वेच्छा से सहयोग किया। इस बीच, अलीगढ़ के डीएम सीबी सिंह ने एक बैठक बुलाने और सभी प्रशासनिक कर्मचारियों से स्वेच्छा से एक एक गोवंश पालने का आग्रह करने का प्लान किया है। लगभग कुल 15,000, कर्मचारियों का स्टाफ है। उन्होंने कहा कि सामाजिक कारणों से योगदान देने के मामले में यह एक अच्छा कदम है।
आवारा मवेशियों के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से अलीगढ़ में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। बुधवार 26 दिसंबर को, अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र में लगभग एक दर्जन सरकारी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को स्कूल से बाहर रहना पड़ा था। वहां स्थानीय निवासियों ने आवारा गायों और सांडों को स्कूल परिसर में छोड़ दिया था। बाद में प्रशासन द्वारा स्कूलों को बंद कर दिया गया।