गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए। सीएम की आंकों में आंसू आ गए लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और अपनी बात को आगे बढ़ाई। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पांच दिनों के भीतर 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में सरकार हरकत में आ गई है। रविवार (13 अगस्त) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। उन्होंने इंसेफेलाइटिस वार्ड का दौरा किया और प्रशासनिक अधिकारियों से हालात का जायजा लिया। सरकार ने पूरे मामले में दोषियों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार शाम को इस मामले पर पहली बार बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने बच्चों की मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी की भूमिका और अन्य कमियों की जांच के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक समिति गठित की है।
Nobody can be more sensitive towards those children than me: UP CM Yogi Adityanath in #Gorakhpur pic.twitter.com/c6r6rHDcRY
— ANI UP (@ANINewsUP) August 13, 2017
अस्पताल से बाहर आने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए योगी ने मीडिया को सही से रिपोर्टिंग करने की नसीहत दी। योगी ने पत्रकारों से कहा, ”आप सभी लोग सरकारी अस्पतालों में जाइए। बाहर से रिपोर्टिंग नहीं, मौके पर जाइए वार्ड में। मैं आपको इस बात की सुविधा देने जा रहा हूं। प्रत्येक पत्रकार को कैमरा के साथ भीतर जाने की इजाजत होगी।” उन्होंने कहा, ”केंद्र व राज्य के कई अधिकारी गोरखपुर में मौजूद हैं। प्रधानमंत्री जी ने पूरी मामले की जानकारी लेने के लिए कुछ स्तरीय चिकित्सकों की टीम यहां भेजी हैं। उन्होंने अपना कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। इंसेफेलाइटिस के खिलाफ शुरू से हम लोग लड़ते रहे हैं। सरकार बनने के बाद हमने जेई वैक्सीनेशनल ड्राइव चलाकर लाखों बच्चों को इंजेक्शन लगाए गए। सीएम बनने के बाद यह बीआरडी मेडिकल कॉलेज का मेरा चौथा विजिट है। मैं हर बार इंसेफेलाइटिस वार्ड का निरीक्षण करता हूं।”
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनके स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीते तीन वर्षो के दौरान अगस्त महीने में होने वाली बच्चों की मौतों का आंकड़ा देते हुए दावा किया कि ये मौतें जापानी इनसेफलाइटिस जैसी मच्छर जनित बीमारियों के कारण हुई हैं। आदित्यनाथ और सिद्धार्थनाथ ने जोर देकर कहा कि गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किसी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई, हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति चार घंटे के लिए बाधित रही थी।