उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई है। बीते शुक्रवार (28 सितंबर, 2018) को बुलंदशहर में कुछ अज्ञात लोगों ने ऊंची जाति के लोगों के घरों के बाहर हाथ से लिखे पर्चे फेंक दिए, जिन पर लिखा था ‘जय भीम ठाकुरों को बोलना ही होगा।’ मामला जिले के सबदलपुर गांव का है। एक पुलिस अधिकारी ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि करीब ठाकुर समुदाय के दो दर्जन लोग शनिवार सुबह नरसेना पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। ठाकुरों ने आरोप लगाया कि इसमें कहीं ना कहीं कथित तौर पर दलित समुदाय के लोग शामिल हैं। आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए उन्होंने प्रदर्शन भी किया।
खबर है कि घटना के तुरंत बाद दलित समुदाय के भी करीब 50 लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे और दावा किया कि इस घटनाक्रम में उनका हाथ नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। नरसेना पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अनिल कुमार ने बताया कि हमें दलित और ठाकुर समुदाय के पचास (28 ठाकुर और 22 दलित) लोगों ने लिखित में दिया है कि इस घटना के बाद दोनों समुदाय के लोग आपसी सौहार्द बनाकर रखेंगे। इसके अलाव मामले में जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
वहीं बुलंदशहर के एसएसपी केबी सिंह ने बताया कि यह गंभीर मुद्दा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और जो भी इसके पीछे है उसे पकड़ा जाएगा। इसके अलावा हम उन लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेंगे जो सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की कोशिश करेंगे।
हालांकि स्थानीय खबरों के मुताबिक पुलिस और ग्रामीणों ने बताया कि गांव में राजपूत और जाटव समाज के बीच पिछले कई महीनों से तनाव चल रहा है। जाटव समाज के लोगों का आरोप है कि एक महीने पहले लूट की एक वारदात में राजपूत समाज के लोगों ने उनके समाज के युवकों को झूठे आरोप में पकड़वा दिया। जबकि राजपूत समाज का कहना है कि लूट के मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। आरोपी सबूत के आधार पर पकड़े गए हैं। इस को लेकर दोनों पक्षों की बीच मन मुटाव चल रहा है।