दुष्कर्म मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा दिलाने वाली लड़की और उसके परिवार की सुरक्षा बढ़ाई गई है। पीड़िता के परिवार ने आसाराम के समर्थकों से जान का खतरा होने का दावा किया है। उनकी शिकायत के बाद पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तीन कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, “इससे पहले, दो कांस्टेबल तैनात किए गए थे। चुनाव के दौरान, एक कांस्टेबल को वापस बुला लिया गया था। हालांकि अब सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करते हुए हमने कुल तीन कांस्टेबल तैनात कर दिए हैं।”
अधिकारी ने कहा कि कांस्टेबलों को पीड़िता के घर आने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने और उनका विवरण दर्ज करने को कहा गया है। 21 मार्च को आसाराम के एक संदिग्ध अनुयायी ने गाली-गलौज कर पीड़िता के घर पर धमकी भरा पत्र छोड़ा था। पीड़िता के पिता के अनुसार, उस समय ड्यूटी पर तैनात एकमात्र कांस्टेबल मौजूद नहीं था। रेप पीड़िता के पिता ने पहले कहा था, “पत्र में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था और व्यक्ति ने उस पर अपना पता भी लिखा है।” उन्होंने धमकी को लेकर पिछले सप्ताह शाहजहांपुर के एसएसपी को लिखित शिकायत भी दी थी।
पीड़िता के पिता ने कहा कि गोंडा में आसाराम के आश्रम में एक लड़की की कथित हत्या के बाद वे और उनका परिवार काफी डर गए हैं। उनका आरोप है कि कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है और पुलिस भी सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।
इस मामले में शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पीड़िता की सुरक्षा के संबंध में स्थानीय अभिसूचना इकाई से बात करके आवश्यक सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी। आनंद ने बताया कि उन्हें पीड़िता के घर पर धमकी भरा पत्र प्राप्त होने की कोई सूचना नहीं मिली है और अगर परिजन जानकारी मुहैया करवाते हैं तो वे कड़ी कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि पीड़िता ने साल 2013 में आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद 28 अप्रैल, 2018 को कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, इस वक्त वो राजस्थान की जेल में बंद है।