प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं मे से एक स्वच्छ भारत मिशन की कामयाबी पर पलीता लगता हुआ दिख रहा है। यह पलीता कहीं ओर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा मे लगता नजर आ रहा है। इस मिशन की कामयाबी पर सवाल इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि मिशन से जुड़े हुए अफसर ही इसमें घोटाले दर घोटाले करने मे जुटे हुए दिख रहे हैं। इटावा मे शौचालय निर्माण में गोलमाल करके फर्जीवाड़े की शिकायतें आने पर सरकार ने इस पर अंकुश लगाने पर गंभीरता दिखाई है। अब प्रधान और सचिव शौचालय का निर्माण नहीं कराएंगे। इससे पहले ग्रामीण क्षेत्र में शौचालय निर्माण कार्य ग्राम प्रधान तथा सचिव अपनी मर्जी से कराते थे। ऐसे में कई जगह गोलमाल हुआ। ब्लाक ताखा तथा बढ़पुरा क्षेत्र की शिकायतों का अभी तक समाधान नहीं हो सका।
वर्ष 2004 में जब योजना की शुरुआत हुई तब शौचालय निर्माण के लिए 500 रुपये लाभार्थी को दिए जाते थे। 2006-07 में रकम डेढ़ हजार और फिर 2200 रुपये हो गई। उसके बाद 4500 रुपये मिलने लगे और आज सरकार शौचालयों के लिए 12 हजार रुपये दे रही है। लेकिन शौचालय बने नहीं और रकम निकलती गई। केंद्र की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। 47 ग्राम पंचायतों में 65.79 लाख रुपये के दुरुपयोग से जुड़े इस मामले को लेकर तत्कालीन डीएम पी.गुरुप्रसाद ने ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। हालत यह है कि शौचालयों की भौतिक स्थिति उपलब्ध न होने के कारण जिला पंचायतराज अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।
वर्ष 1999 से लेकर 2005 तक पंचायतों में बनाए गए शौचालयों को लेकर तमाम सवाल उठाए गए। 500 रुपये प्रति शौचालय पर सचिवों व प्रधानों ने सवाल खड़े किए थे। इस धनराशि में केवल एक गड्ढा ही खुद सकता था। हालांकि इसी योजना मे चकरनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत पसिया, टिटावली एवं कोला में निर्मल भारत अभियान के तहत पंचायत सचिव ने 759754 रुपए बिना शौचालय बनाए हुए निकाल लिए थे। मामले की जिलाधिकारी पी.गुरु प्रसाद ने जांच कराई तो मामला सत्य पाया गया। सचिव के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।
चकरनगर तहसील के पसिया में 33 शौचालयों के लिए 189092, टिटावली में 83 शौचालयों के लिए 784723, कोला में 20 शौचालयों के लिए 331965 रुपये ग्राम पंचायत के खाते में भेजे गए थे। इनमें से ग्राम पंचायत सचिव पूरन सिंह ने पसिया में 186344, टिटावली में 460139, कोला में 331965 रुपया बिना काम कराए निकाल लिए। पिछले साल फरवरी माह मे इटावा के ग्राम पंचायत ताखा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालय में सुनियोजित ढंग से घोटाला हुआ। किसी लाभार्थी को शौचालय सीट पकडा दी गयी तो किसी के घर पर गड्डा ही खोदा गया। कई का पूरा पैसा ही डकार लिया गया। वर्ष 2015 मे लोहिया समग्र विकास योजना में इस पंचायत को घर घर में शौचालय बनाने के लिए चुना गया। पूर्व ब्लाक प्रमुख शिवप्रताप सिंह ने बताया कि निर्माण के नाम पर पूर्व प्रधान ने किसी लाभार्थी के घर के सामने गड्डा खोद दिया तो कुछ पुराने शौचालयों नाम पर ही पैसा हड़प लिया। पात्रों को 12 हजार रुपए के चेक मिलने थे लेकिन समर्थ लोगों को यह दे दिए गए।
ताखा गांव के निवासी रामबाबू के नाम 12000 रुपए लाभाथियों की बीपीएल सूची में 76 वे नंबर पर दर्ज है। लाभार्थी का पैसा कई माह पहले निकल चुका है लेकिन उनके यहां शौचालय नहीं बना। कुछ यही हाल रामसेवक का है। वह सूची में 84 नंबर पर है लेकिन शौचालय के नाम पर सिर्फ गड्ढा ही खुदा है। पूर्व ब्लाक प्रमुख शिवप्रताप यादव बताते हैं इतने बडे खेल में निश्चित रूप से तमाम अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता होगी इसलिए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
जनपद को माह अक्टूबर, 2017 तक खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए प्रतिदिन 730 शौचालय निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है।
पी.के. श्रीवास्तव
मुख्य विकास अधिकारी
ग्राम पंचायत हैं। इनमें कुल 2 लाख 50 हजार 920 परिवार निवास करते हैं। इनमें से 01 लाख 72 हजार 129 परिवार के पास शौचालय नहीं है तथा 78 हजार 791 परिवार शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं। हजार 04 सौ 13 शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। बचे शौचालयों के लिए15565.92 लाख की जरूरत है।
शौचालय निर्माण की भुगतान प्रक्रिया में परिवर्तन कर दिया गया है। अब प्रधान और सचिव अपने खातों से सीधे भुगतान नहीं करेंगे। तीसरी किस्त का भुगतान शौचालय बनने और उसका उपयोग होने के बाद मिलेगा। -अनुराग बाजपेयी , जिला समन्यवक , स्वच्छ भारत मिशन