दिल्ली के पास जेवर में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने पर भले ही अभी अनिश्चितता बनी हुई है, अलबत्ता नोएडा-ग्रेटर नोएडा से हवाई यात्रा शुरू करने की तैयारी पर इस हफ्ते मुहर लगने की उम्मीद है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के पास हेलिपोर्ट की परियोजना पर 7 दिसंबर को लोक सुनवाई होगी। परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए बुधवार को 3.30 बजे होने वाली लोक सुनवाई में पक्षकार समेत आम जनता अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। जिनके निस्तारण के बाद ग्रेटर नोएडा से दिल्ली, लखनऊ, जयपुर समेत देश के अन्य हिस्सों के लिए स्वतंत्र हेलिकॉप्टर सेवा को वैधानिक मंजूरी मिल जाएगी।

जिलाधिकारी कार्यालय के मुताबिक, परियोजना के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने की रिपोर्ट सितंबर, 2016 में सौंपी जा चुकी है। उसी रपट पर सुझाव, विचार, टीका टिप्पणी और आपत्तियों को लेकर लोक सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा सपा सरकार के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो के अलावा हेलिपोर्ट अहम परियोजनाओं के रूप में शामिल है। करीब 22 एकड़ जमीन पर 50 करोड़ रुपए की लागत से हेलिपोर्ट बनाया जाना है। जहां से व्यावसायिक, पर्यटन, चिकित्सा, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएं संचालित की जाएंगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि लोक सुनवाई के दौरान आने वाले सुझावों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद परियोजना को मंजूरी दी जाएगी। उधर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार की महत्त्वाकांक्षी हेलिपोर्ट परियोजना को लेकर ज्यादातर मंजूरी मिल चुकी है। पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद हेलिपोर्ट का डिजाइन, निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, संचालन और हस्तांतरित (डीबीएफओटी) आधार पर बनाया जाएगा। हेलिपोर्ट परियोजना में इच्छुक कंपनी के साथ 30 साल का अनुबंध किया जाएगा।

हेलिपोर्ट क्षेत्र की कई नामचीन कंपनियों ने इसके निर्माण परियोजना के लिए आवेदन भी किया है। पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद किसी एक कंपनी को परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कंपनी की हेलिकॉप्टर की व्यावसायिक सेवाओं के अलावा रख-रखाव, मरम्मत और मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं बनाए रखनी होंगी। 30 साल के बाद कंपनी की समयावधि प्रत्येक 5 साल के लिए बढ़ाना भी प्रस्तावति है। भविष्य में हेलिकॉप्टर सेवा का दायरा बढ़ने को ध्यान में रखते हुए 15 एकड़ जमीन को रिजर्व भी रखा गया है। सीईओ दीपक अग्रवाल ने बताया कि निर्माण कार्य शुरू होने के 2 साल के बाद हेलिपोर्ट तैयार कर सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ग्रेटर नोएडा कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण यादव ने बताया कि लोक सुनवाई को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।