उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सामने जहां जनता से किए वादों को पूरा करने की चुनौती है, वहीं उन्हें पूरा करने के लिए उसे वित्तीय संकट से भी जूझना पड़ रहा है। दोनों के बीच सामंजस्य बनाकर सब को साधने की कोशिशें फिलहाल नाकाम साबित हो रही हैं। इसी कड़ी में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों को दिए जाने वाले अतिरिक्त 64.7 फीसद मुआवजे की धनराशि जुटाने के लिए एक नया फॉर्मूला इजाद किया है। इसके तहत प्राधिकरण इस धनराशि को बिल्डरों से जुटाएगा। इस पर तर्क यह है कि किसानों से जमीन अधिग्रहित करने के बाद बिल्डरों को आबंटित की गई है। इस वजह से अतिरिक्त मुआवजे की भरपाई भी मौजूदा आबंटी यानी बिल्डर को करनी होगी। हालांकि यह चक्र केवल यहीं नहीं रुकेगा। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण को किसानों के अतिरिक्त मुआवजे की भरपाई के लिए दी जाने वाली रकम बिल्डर कंपनी अपने खरीदारों से वसूलेगी। आखिरकार इस पूरी कवायद का भार खरीदार पर पड़ेगा, जो पूरी रकम देने के बाद भी पिछले कई सालों से फ्लैट का कब्जा मिलने की राह देख रहा है।
बताया गया है कि जिन जमीनों पर परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं या निर्माणाधीन हैं, उन सभी पर किसानों के अतिरिक्त मुआवजे का भार डाला जाएगा। ऐसी जमीनों का आकलन किया जा चुका है। अगले कुछ दिनों में नोटिस जारी किए जाएंगे, जिसके 30 दिनों के भीतर बिल्डर को भुगतान करना होगा। अलबत्ता खरीदारों या निवेशकों से इस धनराशि को वसूलने के लिए बिल्डर कौन-कौन से शुल्क लगाएगा, यह एक हफ्ते में स्पष्ट होने की उम्मीद है। प्राधिकरण ने ऐसी जमीनों का सर्वे करा लिया है, जिनके एवज में किसानों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान किया जाना है। अधिग्रहित हुई ऐसी ज्यादातर जमीनों पर परियोजनाएं बनाई जा रही हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार 4.4 रुपए से लेकर 1000 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बिल्डरों को रकम देनी होगी। बिल्डरों को यह रकम एक महीने में प्राधिकरण में जमा करानी होगी। परियोजना के क्षेत्रफल के हिसाब से प्रत्येक बिल्डर पर 2 से 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा, जिसे परियोजना में बने या बन रहे फ्लैट खरीदारों पर डाला जाएगा। किसानों को करीब 900 करोड़ रुपए दिए जाने हैं। हालांकि इस रकम के काफी बड़े भाग का भुगतान किया जा चुका है। बची हुई रकम का एक महीने में भुगतान कराने की तैयारी है। उधर, निर्माण कार्य रुका होने और कब्जे की समस्या से जूझ रहे खरीदारों पर इससे दोहरी मार पड़ेगी।