उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक 45 वर्षीय व्यक्ति पर पंचायत ने गुस्से में आकर तीन तलाक देने पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस व्यक्ति को पंचायत ने अपनी बीवी को मेहर के तौर पर 60 हजार रुपये देने के लिए भी कहा है। इस्लामी नियमों के अनुसार शादी के समय शौहर तलाक देने की स्थिति में एक तय रकम देने का वादा करता है। संभल के मूसापुर गांव के रहने वाले रईस अहमद ने दो साल पहले 34 वर्षीय रेहाना बेगम से शादी की थी। रेहाना उनकी दूसरी बीवी थीं।
करीब 10 दिन पहले रईस ने रेहाना से झगड़े के बाद एक बार में ही तीन बार तलाक बोलकर उसे तलाक दे दिया। रेहाना तलाक दिए जाने के दिन ही सादियानपुर स्थित अपने माता-पिता के घर वापस आ गईं। रविवार (11 जून) को तुर्क समुदाय के 52 गांवों के सदस्य पंचायत में शामिल हुए। रायसती गांव के मदरसा खलील-उल-उलूम में हुई इस पंचायत में पंचों ने फैसला लिया कि रईस को जुर्माना, मेहर के साथ ही शादी के समय क दहेज के रूप में मिली कीमती चीजें भी लौटानी होंगी।
पंचायत में शामिल रहे असरार अहमद उर्फ बाबूजी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “चार दिन पहले रेहाना के भाई मेरे पास आए और अपनी बहन के तलाक के मामले को पंचायत में उठाने की मांग की। हमने मदरसे पर इतवार को पंचायत बुलायी। रईस को भी उसके परिजनों के साथ बुलाया गया। रेहाना पंचायत में नहीं थी लेकिन उसके भाई थे।” असरार के अनुसार पंचायत में रईस के परिवारवालों ने कहा कि उसकी पहली बीवी से कोई संतान नहीं थी इसलिए उसने दूसरी शादी की थी।
असरार अहमद ने कहा कि पंचायत पिछले दो महीने से समुदाय के सभी लोगों से एक बार में तीन तलाक देने से परहेज करने की अपील कर रही है। असरार ने कहा, “रईस के कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हमने उसे जुर्माने के अलावा दहेज में मिले सामान और 60 हजार रुपये मेहर भी जमा करने के लिए कहा है।” असरार अहमद के अनुसार रईस ने जुर्माना और मेहर की राशि पंचायत में जमा भी कर दी है। रेहाना और रईस से खबर के लिए संपर्क करने की कोशिश सफल नहीं हो सकी।