उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दर्जन भर सहयोगी मंत्रियों के साथ दो दिन तक विश्व प्रसिद्ध बरसाने की लट्ठमार होली और ब्रज संस्कृति का आनंद उठाएंगे। सीएम योगी शनिवार (24 फरवरी) को बरसाने आ रहे हैं। इसके लिए जबर्दस्त तैयारी की जा रही है। यूपी का पूरा प्रशासनिक अमला इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटा हुआ है। बरसाने के लोग भी सीएम के आगमन को लेकर उत्साहित है। प्रशासन ने सीएम का हेलिकॉप्टर उतारने के लिए एक हेलिपैड बनवाया है। इसके लिए एक किसान द्वारा लीज पर लिए गए खेत का इस्तेमाल किया गया है। मथुरा के डीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा ने जनसत्ता.कॉम को बताया कि इसके लिए किसान नरेंद्र (पिता का नाम- यदराम शर्मा) को 20 फरवरी को 96 हजार रुपए बतौर मुआवजा दिया गया है। 20 फरवरी को ही ‘पत्रिका’ अखबार ने किसान के हवाले से छापा था कि उसे मुआवजा नहीं दिया गया है। अखबार के मुताबिक नरेंद्र 60 हजार रुपये में पांच एकड़ जमीन लेकर उस पर खेती करता है। डीएम का कहना है कि किसान ने स्कूल से लीज पर जमीन ली है और
किसान की सहमति से मुआवजे की रकम तय कर उसे पैसे दे दिए गए।
इस कार्यक्रम के बारे में बताया गया है कि पहले दिन पंडित जसराज, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभना नारायण, कविता सेठ आदि हिस्सा लेंगे। दूसरे दिन हेमा मालिनी एवं गायक कैलाश खेर प्रस्तुतियां देंगे। दूसरे दिन मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन और वृन्दावन में पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती से धार्मिक चर्चा करेंगे। फिर वह बरसाने में कुछ अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। योगी यात्रा के दूसरे दिन प्रिया कुण्ड पर पहुंचने वाले नन्दगांव के हुरियारों का स्वागत करेंगे और उनके साथ लाड़िली जी मंदिर पहुंचकर राधारानी के दर्शन-पूजन के बाद समाज गायन का आनंद लेंगे। वह देर सायं लट्ठमार होली में भाग लेंगे।
बता दें कि बरसाने की लट्ठमार होली देश-दुनिया में मशहूर है। यह होली देखने-मनाने बड़ी संख्या में बाहर से भी लोग आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ इसमें शामिल होकर इसे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में पहचान दिलाना चाहते हैं। हालांकि, उनकी इस भागीदारी का विरोध भी हो रहा है। मुस्लिम समाज के कुछ लोग कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को इसी तरह मुसलमानों के पर्व में भी शिरकत करनी चाहिए। इससे पहले अयोध्या में खास दीवाली समारोह में भी आदित्य नाथ ने शिरकत की थी तो विवाद हुआ था।
