सात महीने पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह पर साल 2013 में दर्ज हुए एक आपराधिक मामले को राज्य सरकार ने वापस लेने का ऑर्डर दिया है। सिंह पर राय बरेली में आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था। तब उनपर और अन्य दस लोगों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते सुल्तानपुर-राय बरेली हाईवे जाम करने का केस दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई प्रयागराज के एक कोर्ट में लंबित है। प्रयागराज के जिला सरकार परिषद गुलाब चंद अग्रहरी ने बताया कि दिनेश सिंह के खिलाफ मामले में वापसी आवेदन कल संबंधित अदालत में ले जाया गया था। हमें राय बरेली जिला न्याधीश के जरिए राज्य सरकार की तरफ से मुकदमा वापसी का आवेदन प्राप्त हुआ।
पुलिस ने बताया कि दिनेश सिंह और अन्य लोगों ने दिगिया बाजार क्रोसिंग पर प्रदर्शन किया था। सुल्तानपुर-राय बरेली हाईवे को ब्लॉक कर दिया गया। प्रदर्शन की वजह से वाहनों और एंबुलेंस की आवाजाही प्रभावित हुई। बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया। इस पर तब के मिल एरिया पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस अधिकारी ने शिकायत के आधार पर दिनेश सिंह और अन्य दस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 145, 341 और 283 के तहत केस दर्ज किया गया। राय बरेली पुलिस ने केस की छानबीन की और जनवरी 2016 में सभी आरोपियों के खिलाफ इन्हीं धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई।
मामले में दिनेश सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ‘उस वक्त मैं सुल्तानपुर जा रहा था, तब मैंने देखा कि दिगिया बाजार क्रोसिंग लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रदर्शन एक व्यापारी पर हमले को लेकर था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने मेरा वाहन रोका चूंकि मैं जनता का प्रतिनिधि था और एमएलसी होने के चलते मैं प्रदर्शन में शामिल हुआ। हालंकि रोड ब्लॉक नहीं किया गया। पुलिस ने झूठा केस दर्ज किया और मुझे फंसा दिया।’
एमएलसी ने आगे कहा कि ‘मैंने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मामले में जांच कराने को कहा। तब की समाजवादी सरकार में मेरे खिलाफ झूठ केस दर्ज हुआ। मैंने सीएम से गुजारिश की जांच में मेरे खिलाफ एफआईआर झूठी साबित होती है तो इसे वापस लिया जाए। इसके बाद केस वापस लिया गया। अभी हाल में केस को लेकर मुझे जानकारी नहीं है।’