पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक छोटी सी मिठाई की दुकान चलाने वाला दुकानदार आयकर विभाग की जांच में फंस गया है। दुकानदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के एेलान (8 नवंबर) के तीन दिन बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अपने जन-धन खाते में 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोटों के साथ 27 लाख रुपए की रकम जमा की थी। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें वाराणसी के आयकर विभाग (जांच) के असिस्टेंट डायरेक्टर की तरफ से एक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि 35 वर्षीय अजय गुप्ता का अकाउंट सीज कर दिया जाए। आयकर विभाग की पूछताछ में गुप्ता ने दावा किया कि कैश उनकी मां, देवंती देवी का है जिसे उन्होंने अपनी अलमारी में रखा था। इस रकम की जानकारी उनकी पांच बहनों और एक भाई को नहीं थी। मुंबई स्थित बैंक के हेड ऑफिस में जन-धन खातों में जमा हुई रकम की डिटेल्स खंगालते वक्त उन्हें इस बात की खबर हुई थी। जिसके बाद आयकर विभाग की टीम 1 दिसंबर को रौजा मोहल्ले स्थित बैंक शाखा पहुंची। जांच में पता चला कि गुप्ता ने केंद्र सरकार के योजना लॉन्च करने के बाद जन-धन खाता खुलवाया और उसने कई छोटे-छोटे लेनदेन किए थे। जिस दिन उसने 27 लाख रुपए जमा किए, उसके खाते में करीब 500 रुपए थे।
अगले दिन आयकर विभाग के अधिकारी गुप्ता के घर गए और उसका बयान रिकॉर्ड किया। जब गुप्ता से संपर्क किया गया तो उसने बताया, ”मैंने आयकर अधिकारियों को बताया कि 27 लाख रुपए मेरी मां की बचत थे। वह पिछले 20 साल से 500, 1000 रुपए के नोट इकट्ठा कर रही थी और अपनी अलमारी में रखती थीं। घर में किसी को पता नहीं था कि उनके पास इतनी बड़ी रकम थी। जब उन्हें केंद्र सरकार के 500, 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले के बारे में पता चला, तब उन्होंने इस रकम के बारे में मुझे बताया और बैंक में जमा करने को कहा।”
गुप्ता ने दावा किया, ”मैं 11 नवंबर को कैश के साथ बैंक गया था और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के दो अधिकारियों से पूछा कि मेरे जनधन अकाउंट में 27 लाख रुपए में जमा करने में कोई समस्या तो नहीं है। उन्होंने मुझे रुपए जमा करने की इजाजत दे दी। आयकर अधिकारियों ने मुझसे और मेरी मां से पैसों के बारे में पूछताछ की।”
अजय ने कहा कि ”मुझे पता चला है कि मेरा खाता सीज हो गया है। मैंने पहले दिसंबर में अपनी छोटी बहन की शादी तय की थी। लेकिन, उन्होंने नोटबंदी के बाद से शादी टाल दी थी।”
