प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्‍त को लाल किले से दिए गए भाषण के एक दावे पर सवाल उठ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान उत्‍तर प्रदेश के हाथरस के गांव नगला फतेला का जिक्र करते हुए कहा था कि वहां पर 70 साल बाद बिजली पहुंची है। जबकि इस गांव की दिल्‍ली से दूरी केवल तीन घंटे की है। पीएम के इस दावे पर गांव के लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि गांव में केवल बिजली के तार खिंचे हैं, बिजली नहीं आई है। बिजली के पोल लगाए एक साल हो गया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, ”हम एलईडी बल्‍ब का इस्‍तेमाल कर ग्‍लोबल वार्मिंग में कमी करने के साथ ही बिजली की बचत भी कर सकते हैं। हाथरस के नगला फतेला गांव जाने में दिल्‍ली से तीन घंटे लगते हैं। लेकिन वहां बिजली पहुंचने में 70 साल लग गए।” नगला फतेला गांव उत्‍तर प्रदेश के महामाया नगर जिले में आता है। इस गांव की आबादी 1550 है और यहां पर 235 परिवार रहते हैं। सोमवार को ही प्रधानमंत्री दफ्तर की ओर से नगला फतेला गांव के लोगों के टीवी पर पीएम का भाषण देखने की तस्‍वीरें भी जारी की गई थी।

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यह फोटो पीएमओ ने जारी की थी। इसके कैप्‍शन में लिखा गया कि नगला फतेला गांव के लोग पहली बार पीएम मोदी का भाषण सुनते हुए।

गांव के लोगों ने बताया कि छह महीने पहले यहां पर बिजली के खंभे लगा दिए गए और तार भी खींच दिए गए। यहां तक कि घरों में मीटर भी लग गए लेकिन बिजली सप्‍लाई शुरू नहीं हुई। हालांकि गांव के कुछ लोगों ने निजी केबल से गांव के बाहर से बिजली कनेक्‍शन ले रखा है। वहीं, बिजली विभाग दावा कर रहा है कि गांव में बिजली सप्‍लाई है।