शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद अब कांग्रेस की नजर ब्राह्मण वोटों पर है। शीला खुद ब्राह्मण है, ऐसे में कांग्रेस ब्राह्मणों को रिझाने के लिए योजना बना रही है। पार्टी 2 सितंबर को इलाहाबाद में ‘ब्राह्मण नेताओं’ की विशेष बैठक आयोजित करने का मन बना रही है। इस प्लान के बारे में बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक में राज्य भर के 100 से ज्यादा ब्राह्मण नेताओं को बताया गया है। ये नेता रविवार को लखनऊ के एक स्कूल के मैदान में इकट्ठा हुए थे। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी इस बैठक का हिस्सा थे। सूत्रों के अनुसार, रविवार की बैठक में नेताओं से कहा गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी लाइन को किनारे रखकर ब्राह्मण कार्यकर्ताओं से बंद दरवाजे के पीछे बैठक करें। उन्हें बताया कि कांग्रेस उन्हें कैसे आगे ले जाना चाहती है। बंद दरवाजों के पीछे होने वाली इन बैठकों को इलाहाबाद में होने वाले सम्मेलन से पहले पूरा कर लेने के निर्देश पार्टी नेताओं को दिए गए हैं। बैठक में शामिल रहे नेताओं ने बताया कि उनसे कहा गया है कि लोगों को यह समझाया जाए कि केसे सिर्फ कांग्रेस ने ही मुख्यमंत्री पद के लिए एक ब्राह्मण को उम्मीदवार बनाया है।
गोमती नगर में हुई बैठक में विभिन्न जिलों से ब्राह्मण समुदाय के पूर्व और वर्तमान विधायकों, पूर्व सांसदों और नेताओं को बुलाया गया था। इनमें वर्तमान विधायक आराधना मिश्रा और ललितेश पति त्रिपाठी भी शामिल रहे। बैठक एक कांग्रेस नेता के स्कूल में आयोजित की गई थी। सूत्रों के अनुसार एक पूर्व मंत्री को एक बैठक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एक पार्टी नेता ने बताया, ”यह बैठक आम जनता के लिए नहीं होगी। इसमें सिर्फ ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता ही शामिल हो सकेंगे। राज्य भर से कम से कम 20,000 ब्राह्मण नेताओं और कार्यकर्ताओं को बुलाने का लक्ष्य है। आज की बैठक में करीब 200 नेता मौजूद रहे। अगर वह सभी योजना पर अमल करते हैं तो यह इतना ज्यादा मुश्किल काम नहीं होगा।”