उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गुरुवार (30 मार्च) को विधानसभा में पहला भाषण दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता हृदय नारायण दीक्षित को विधानसभा अध्यध चुने जाने के बाद स्वागत भाषण देने के लिए भगवाधारी आदित्य नाथ दोपहर करीब 1.36 बजे भाषण के लिए खड़े हुए। उन्होंने करीब 15 मिनट तक अपनी बात कही। दिलचस्प बात ये रही कि योगी की तरह उनके साथ बैठे तीन वरिष्ठ मंत्री भी भगवा पहले नजर आए। योगी ने अपने संबोधन में कहा कि सदन को चर्चा का मंच बनाना है। योगी ने कहा, ”लोकतंत्र में किसी को भी भेदभाव महसूस नहीं होना चाहिए। उम्मीदों पर खरा उतरना है। हम सभी का लक्ष्य एक ही होना चाहिए। जनता की समस्या के समाधान में विपक्ष भी सहयोग करे। यूपी को नंबर एक राज्य बनाना है।” योगी ने कहा कि ”सदन उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के बारे में सोच सके, सत्तापक्ष और विपक्ष उस उद्देश्य के लिए कार्य कर सके जिसके लिए जनता ने हमें चुना है।” योगी ने चुनावी भाषणों की बातों को सदन से दूर रखने की ताकीद भी दी।
योगी आदित्य नाथ ने कहा कि “प्रदेश की जनता ने विकास के लिए हमें मौका दिया है, ऐसे में हमें इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। विकास दर और उत्तर प्रदेश के आम जन की समस्या को देखा जाए तो हम अभी बहुत पीछे हैं। क्या यह हो सकता है कि यह सदन चर्चा का एक मंच बन सके…उच्च लोकतांत्रिक मूल्यों का एक आदर्श बन सके।”
हृदय नारायण दीक्षित निर्विरोध विधानसभा अध्यध चुने गए हैं। चुनाव के दौरान सीएम योगी भी मौजूद रहे। योगी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का अभिनंदन करते हुए कहा, आपने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है। आपने पत्रकारिता जगत में काफी सक्रिय योगदान दिया है। सदन में प्रवेश के समय योगी ने सभी विधायकों से मुलाकात की और नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी से हाथ मिलाया। उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग मांगा है।